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कुंभ मेले में परिवार से बिछड़ी, 4 महीने बाद मिली बुजुर्ग महिला, सड़क पर भटक रही थी तो शिक्षक लाया अपने घर…


Bihar News: कुंभ मेले में परिजनों से बिछड़ी 70 वर्षीय रामपरी देवी की कहानी किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं है. 20 फरवरी को प्रयागराज में गंगा स्नान के दौरान लापता हुईं रामपरी देवी को उनके परिवार ने डूबा हुआ मान लिया था. मगर तकदीर ने एक अलग मोड़ लिया- चार महीने बाद वह अपने बेटों के पास जिंदा और सुरक्षित लौटीं, वो भी एक शिक्षक की इंसानियत की वजह से.

भूख-प्यास से बेहाल थीं, बच्चों ने पागल समझकर पत्थर मारा

लापता होने के छह दिन बाद रामपरी देवी बिहार के समस्तीपुर जिले के खानपुर पहुंचीं. वे सड़क किनारे भूखी-प्यासी भटक रही थीं, जब कुछ बच्चों ने उन्हें पागल समझकर पत्थर मारना शुरू कर दिया. उसी समय वहां से गुजर रहे सरकारी शिक्षक गंगा राम ने उन्हें बचाया.

“मां जैसी लगीं, इसलिए घर ले आया”- शिक्षक

गंगा राम ने बताया कि इसी साल जनवरी में उनकी अपनी मां का देहांत हुआ था. जब उन्होंने रामपरी देवी को देखा तो मां की छवि नज़र आई. वे उन्हें अपने घर ले आए और पत्नी और बेटियों के साथ मिलकर सेवा करना शुरू किया. धीरे-धीरे रामपरी देवी की हालत में सुधार हुआ.

नाम बताया, फिर पता भी याद आया

इलाज और देखभाल के बाद रामपरी देवी ने अपना नाम बताया और फिर मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के मठना बथुआ गांव का पता भी याद आया. उन्होंने बेटों के नाम उपेंद्र और सुरेंद्र महतो बताए. शिक्षक ने अपने एक दोस्त के जरिए परिवार से संपर्क किया.

बेटों ने मां को खो दिया मान लिया था

बेटे ने बताया कि उन्होंने दो महीने तक लगातार मां को खोजा, थाने में सनहा दर्ज कराया और कई जिलों में तलाश की. कोई सुराग न मिलने पर मान लिया कि मां अब इस दुनिया में नहीं रहीं. लेकिन जब पता चला कि मां समस्तीपुर में जीवित हैं, तो भावुक होकर कहा- “जैसे मेरी मां लौट आईं, वैसे मेरी जिंदगी लौट आई है.” रामपरी देवी के परिवार में अब खुशी और संतोष है.

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