Funerals of Iran Military Commanders: ईरान की राजधानी तेहरान शनिवार को उस समय शोक और आक्रोश के माहौल में डूब गई, जब हाल ही में इजरायल के साथ चले 12 दिन के युद्ध में मारे गए शीर्ष सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों की शव यात्रा निकाली गई. इस मौके पर लाखों लोगों ने सड़कों पर उमड़कर अपनी भावनाएं जाहिर कीं और अमेरिका और इजरायल के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की.
इस युद्ध में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी और ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीजादेह समेत कई बड़े पदों के अधिकारी मारे गए थे. जनरल सलामी और हाजीजादेह की मौत युद्ध के पहले दिन यानी 13 जून को, इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ढांचे पर शुरू किए गए हमलों में हुई थी.
#Iran celebrated its victory over #Israel in a big way, combining the ceremonial events with the funerals of 30 generals, nuclear scientists and other supporters of the regime.
The expression “so as not to get up twice” has acquired a new Middle Eastern incarnation.
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— Emeka Gift Official (@EmekaGift100) June 28, 2025
सरकारी मीडिया के अनुसार, इन सीनियर अधिकारियों और वैज्ञानिकों के ताबूतों को ट्रकों पर रखकर राजधानी की प्रमुख ‘आजादी स्ट्रीट’ से ले जाया गया. इस दौरान रास्तों के दोनों ओर खड़े लोगों ने ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ और ‘इजरायल मुर्दाबाद’ के नारे लगाए. दावा किया गया कि करीब 10 लाख लोगों ने अंतिम यात्रा में भाग लिया, हालांकि इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, जो युद्ध शुरू होने से पहले से ही सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं, इस शव यात्रा में भी नहीं दिखे. इस शव यात्रा में कई सीनियर अधिकारी मौजूद थे, जिनमें ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची, कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल इस्माइल कानी और खामेनेई के सलाहकार जनरल अली शामखानी शामिल थे. शामखानी इजरायली हमले में घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एक वीडियो में उन्हें छड़ी के सहारे चलते देखा गया.
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शव यात्रा के बाद बहेश्त-ए-जहरा कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया, जहां सेना प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी को उनके भाई के बगल में दफनाया गया. बाघेरी के भाई 1980 के ईरान-इराक युद्ध में मारे गए थे और वे भी एक सीनियर सैन्य अधिकारी थे. कुल 60 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें चार महिलाएं और चार बच्चे भी शामिल थे.
इजरायल ने दावा किया था कि उसने इस सैन्य अभियान के दौरान लगभग 30 ईरानी सैन्य कमांडरों, 11 परमाणु वैज्ञानिकों और सैकड़ों सैन्य और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया. वाशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार संगठन के अनुसार, इस युद्ध में अब तक कम से कम 1000 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 417 आम नागरिक भी शामिल हैं.
Mourners dressed in black lined the streets in Tehran at a funeral for Iran’s top military commanders, nuclear scientists and some of the civilians killed during the war with Israel https://t.co/EWMDyIqCG7 pic.twitter.com/1ER7ai4r3i
— Reuters (@Reuters) June 28, 2025
इस दौरान ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है. 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद गठित यह सैन्य इकाई अब ईरान की पारंपरिक सेना के समानांतर काम करती है. रिवोल्यूशनरी गार्ड न केवल ईरान की आंतरिक सुरक्षा संभालती है, बल्कि सीरिया, इराक और लेबनान जैसे देशों में ईरान के हितों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय भूमिका निभाती है. यह ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को भी नियंत्रित करती है, जिसका प्रयोग हाल ही में गाजा में इजरायल के खिलाफ दो बार किया गया.
इस शव यात्रा के दौरान ईरान के लोगों में गुस्सा और शोक का मिला-जुला रूप दिखा. लोग एक ओर अपने नायकों की विदाई पर दुखी थे, वहीं दूसरी ओर इजरायल और अमेरिका के प्रति आक्रोशित भी दिखे.इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने सोशल मीडिया पर संकेत दिया कि ईरान बातचीत के लिए तैयार हो सकता है. उन्होंने लिखा कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वास्तव में कोई समझौता करना चाहते हैं, तो उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल बंद करना होगा.
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