MS Dhoni: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है. ICC ने सोमवार को घोषणा की कि धोनी, ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन, दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला और ग्रीम स्मिथ ICC के हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले नवीनतम लोगों में शामिल हैं. ICC ने एक प्रेस बयान में लिखा, ‘भारत के लिए 17,266 अंतरराष्ट्रीय रन, विकेट के पीछे 829 शिकार और विभिन्न प्रारूपों में 538 मैचों के साथ, धोनी के आंकड़े न केवल उत्कृष्टता बल्कि असाधारण स्थिरता और फिटनेस को दर्शाते हैं.’ MS Dhoni got a big honor inducted into ICC Hall of Fame
धोनी ने इस सम्मान को बताया अद्भुत एहसास
एमएस धोनी ने सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा, ‘आईसीसी हॉल ऑफ फेम में नामित होना सम्मान की बात है, जो दुनिया भर के विभिन्न पीढ़ियों के क्रिकेटरों के योगदान को मान्यता देता है. ऐसे सर्वकालिक महान खिलाड़ियों के साथ अपना नाम याद किया जाना एक अद्भुत एहसास है. यह कुछ ऐसा है जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा.’ एमएस धोनी एकमात्र भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं जिन्होंने टीम को वनडे विश्व कप, टी20 विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी में जीत दिलाई है। उनके नेतृत्व में भारत टेस्ट में भी नंबर 1 स्थान पर पहुंचा.
Unorthodox, unconventional and effective 🙌
A cricketer beyond numbers and statistics 👏
MS Dhoni is inducted in the ICC Hall of Fame 🥇
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— ICC (@ICC) June 9, 2025
43 वर्षीय धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, लेकिन वे आईपीएल में खेलना जारी रखे हुए हैं. आईसीसी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘एमएस धोनी के शुरुआती प्रदर्शन ने उन्हें पहले से ही धैर्य और स्पष्टता वाले खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर दिया था. चयनकर्ताओं के लिए यह साहसिक निर्णय लेने और उन्हें 2007 में पहले आईसीसी पुरुष टी-20 विश्व कप के लिए कप्तानी सौंपने के लिए पर्याप्त था. समय बहुत नाजुक था. भारत को उस वर्ष के शुरू में 50 ओवर के विश्व कप के ग्रुप चरण में निराशाजनक हार का सामना करना पड़ा था और टी-20 संस्करण के लिए चुनी गई टीम में युवा, काफी हद तक अप्रशिक्षित समूह था, जिसमें भारतीय क्रिकेट के कई वरिष्ठ दिग्गज शामिल नहीं थे. उम्मीदें मामूली थीं, जहां भारत टूर्नामेंट का पसंदीदा नहीं था.
धोनी के नेतृत्व में उभरी खिलाड़ियों की नई पीढ़ी
विज्ञप्ति में आगे कहा गया, ‘धोनी के नेतृत्व में खिलाड़ियों की एक नई पीढ़ी उभरी, रोहित शर्मा , आरपी सिंह, रॉबिन उथप्पा, दिनेश कार्तिक जैसे क्रिकेटरों ने निडर क्रिकेट खेला. यह दृष्टिकोण बहुत कारगर साबित हुआ. भारत ने रोमांचक फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की और पहला टी-20 विश्व चैंपियन बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया.’ भारत के लिए वह बड़े ही सम्मान की बात थी, उसके बाद धोनी ने लगातार अपनी कप्तानी का चमत्कार दिखाया. आज वह भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं.
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