Plantation: पटना. गर्म हवाओं और चिलचिलाती धूप से बेहाल पटना अब बादलों की पहली बूंदों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. जैसे ही आसमान से बारिश की पहली फुहारें गिरेंगी, शहर की फिजा बदलेगी और इसके साथ ही शुरू होगा पौधारोपण का सिलसिला. शहर के कई लोग इस मौसम को सिर्फ राहत का नहीं, बल्कि रचनात्मकता और पर्यावरणीय योगदान का भी अवसर मानते हैं. घरों की बालकनी हो, बगिचा या फिर मोहल्ले की खाली जगह हर कोना हरियाली से भरने की तैयारी है. पौधों से जुड़े दुकानों और नर्सरी संचालकों का कहना है कि मॉनसून में पौधारोपण की मांग काफी बढ़ जाती है, क्योंकि यह सीजन पौधों की जड़ों के जमने और तेज़ी से बढ़ने के लिए अनुकूल माना जाता है. गार्डनिंग एक्सपर्ट्स का मानना है कि मॉनसून के दौरान मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे पौधों की ग्रोथ बेहतर होती है. वर्षा जल प्राकृतिक रूप से पौधों को पोषण देता है और सिंचाई की जरूरत भी कम पड़ती है. यही कारण है कि यह समय पर्यावरण प्रेमियों के लिए ‘ग्रीन गोल्डन पीरियड’ बन जाता है.
आने वाली पीढ़ियों के लिए तैयार करें स्वच्छ वातावरण
कई हाउसिंग सोसाइटीज, स्कूल और वॉलंटियर ग्रुप अब सामूहिक पौधारोपण अभियानों की तैयारी में जुटे हैं. इसका उद्देश्य सिर्फ हरियाली बढ़ाना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण तैयार करना है.
प्रभात खबर पहल
मॉनसून की आमद सिर्फ मौसम में बदलाव नहीं लाती, बल्कि यह एक नयी उम्मीद और सकारात्मक बदलाव का संकेत भी देती है. यदि हर नागरिक इस मौके पर एक पौधा भी लगाये, तो पटना न सिर्फ हरा-भरा होगा, बल्कि पर्यावरणीय संकट से लड़ने में भी एक मजबूत कदम आगे बढ़ाया जा सकेगा. तो इस बार बरसात में सिर्फ खिड़की से बारिश न देखें, एक पौधा जरूर लगाएं.
इस सीजन में लगाएं ये पौधे
गार्डनिंग से जुड़े जानकारों और फूल-पौधों के विक्रेताओं का कहना है कि मॉनसून में ऐसे पौधे लगाये जाने चाहिए जो तेजी से बढ़ें और पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाये-
- छायादार वृक्ष : नीम, पीपल, बरगद, कदम्ब
- फूलों वाले पौधे : गुलाब, गेंदा, जूही, बोगनवेलिया आदि
- औषधीय पौधे : तुलसी, गिलोय, एलोवेरा
- फलदार पौधे : अमरूद, आम, नींबू, जामुन
बागवानी के लिए भी आदर्श है बरसात
मानसून का समय फूलों की बागवानी के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि मिट्टी में नमी और तापमान दोनों पौधों की वृद्धि के लिए अनुकूल होते हैं. इस दौरान लगाये गये फूल न केवल तेजी से बढ़ते हैं, बल्कि आंगन या छत की सुंदरता भी बढ़ाते हैं. ये हैं मानसून में लगाने योग्य प्रमुख फूलों के पौधे-
- गुलाब : सालभर लगाया जा सकता है, लेकिन मानसून में कटिंग से तैयार करना सबसे अच्छा. हल्की धूप और नमी वाली मिट्टी में बेहतर वृद्धि.
- गेंदा : कम देखभाल में भी बरसात में अच्छा फूलता है. इसके पीले व नारंगी फूल पूजा और सजावट में खूब काम आते हैं.
- रजनीगंधा : इसकी कलियां मानसून में बोई जाती हैं.इसकी मीठी खुशबू इसे खास आयोजनों के लिए उपयुक्त बनाती है.
- चांदनी : सफेद, खुशबूदार फूलों वाला पौधा जो थोड़ी छांव में भी अच्छी तरह बढ़ता है.
- पिटूनिया : रंग-बिरंगे फूलों वाला पौधा, जो गमलों और हैंगिंग बास्केट के लिए आदर्श है.
- गुलदाउदी : सर्दियों में फूलती है, पर इसकी कटिंग मानसून में लगाई जाती है जिससे बेहतर शुरुआती विकास होता है.
- गुड़हल : बारिश में तेजी से बढ़ता है, कई रंगों में मिलता है और औषधीय गुणों से भरपूर होता है.
पौधों को पोषण व विकास में मदद करता है बारिश का पानी
- पेड़-पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय बरसात का माना जाता है वैसे तो, आप पूरे साल ही पौधे लगा सकते हैं, लेकिन इस बारिश के मौसम में पौधों को पनपने में देर नहीं लगती और तापमान न तो ज्यादा गर्म होता है न ठंडा, जिससे उन्हें उगने के लिए एक सही तापमान मिलता है. इसकी एक वजह यह भी है कि बारिश का पानी पौधों के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है. बारिश का पानी क्लोरीन मुक्त शुद्ध जल होता है, जिसमें नाइट्रोजन की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जो पौधों को पोषण देने और बेहतर विकास में मदद करता है. – राहुल कुमार, इको वेंचर के प्रमुख
- बरसात के पौधों की तैयारी जून के अंत या जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू हो जाती है. इस मौसम में हिबिसकस, गुलाब, चमेली जैसे कटिंग वाले पौधे लगाये जाते हैं, जो अगस्त तक तैयार होकर 2-3 महीनों में फूल देने लगते हैं. गेंदा, बालसम, सूरजमुखी, कॉसमॉस, कॉक्सकॉम्ब जैसे सीजनल फूलों की मांग भी इसी समय बढ़ती है. ये पौधे 10 से 100 रुपये तक की रेंज में मिलते हैं. लेकिन बरसात में पौधों में कीड़े लगने की आशंका ज्यादा होती है, इसलिए हर हफ्ते नीम ऑयल स्प्रे करना जरूरी है. पानी गमलों में न रुके, इसका खास ख्याल रखें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं. – उत्तम कुमार, नमस्कारम भारत, पटना सिटी
- बरसात में पौधे तेजी से बढ़ते हैं, लेकिन सही देखभाल जरूरी है, वरना बारिश में नाजुक पौधे गल भी सकते हैं. कॉसमॉस, बालसम, जीनिया, सिलोशिया और इवनिंग ग्लोरी जैसे पौधे जुलाई से बाजार में मिलने लगते हैं. कटिंग से तैयार होने वाले पौधे इस मौसम में जल्दी लगते हैं और सर्दियों तक फूल देने लगते हैं. पौधों की कीमतों में भी अब इजाफा हुआ है- कई नर्सरी 100 पौधों का सेट 300 रुपये में बेचती हैं. ऐसे में जरूरी है कि पौधों को सही जगह, खासकर छांव में रखा जाये और पानी का निकास बना रहे. पौधरोपण के साथ देखभाल की समझ भी जरूरी है. – धीरज पासवान, गार्डनर, पाटलिपुत्र कॉलोनी
Also Read: बिहार में भू-सम्पदा एजेंटों की अब नहीं चलेगी मनमानी, रेरा ने लागू की नई व्यवस्था