संजीव झा, भागलपुर: सिनेमा हॉल में फिल्म देखने के प्रचलन में पूरी तरह बदलाव के लिए वर्ष 2025 को भागलपुर जिला कभी भूल नहीं पायेगा. वजह यह है कि भागलपुर जिले का आखिरी सिनेमा हॉल दीपप्रभा टॉकीज भी अब बंद हो जायेगा.
30 जून को बंद हो जाएगा दीपप्रभा टॉकीज
अब यादों में ही रह जायेंगे उच्च कॉन्ट्रास्ट वाला सफेद पर्दा, काउंटर पर कतारों में खड़े रह कर टिकट कटाने का उत्साह, गेट पर आधे टिकट फड़वाने का अनुभव, हॉल के अंदर सीटियों की गूंज, इंटरवल में पॉपकॉर्न और समोसे का लुत्फ और सबसे खास रिलीज के बाद पहले शो में फिल्म देखने का जोश. 34 साल का यह सिनेमा हॉल दो महीने के अंदर बंद हो जायेगा. फिलहाल इसके बंद होने की अस्थायी तिथि (टेंटेटिव डेट) 30 जून तय की गयी है.
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वर्ष 1991 में शुरू हुआ था दीपप्रभा टॉकीज
भागलपुर शहर में आदमपुर स्थित दीपप्रभा टॉकीज की शुरुआत वर्ष 1991 में हुई थी. तब इसके मालिक जवाहर जायसवाल और मैनेजर प्रेम निधि जायसवाल हुआ करते थे. 22.05.2002 में इसे बरारी एस्टेट के प्रेमेंद्र मोहन ठाकुर उर्फ मुन्नू बाबू ने खरीद लिया और तब मैनेजर बने गोकुलानंद झा. इस सिनेमा हॉल में दर्शकों के बैठने के लिए 900 से अधिक सीटें हैं. बढ़िया सीट और अच्छी साउंड व पिक्चर क्वालिटी के लिए यह जाना जाता है.
मनोज तिवारी भी आ चुके हैं यहां
जब दीपप्रभा टॉकीज की शुरुआत हुई, तो अविनाश वाधवन, शाहीन, अनुपम खेर अभिनीत पहली फिल्म आई मिलन की रात लगी. इसके तत्कालीन मैनेजर शोभानंद झा बताते हैं कि सलमान खान अभिनीत फिल्म हम आपके हैं कौन यहां तकरीबन 20 सप्ताह तक चली. अक्षय कुमार की जानवर, अनिल कपूर की बेटा फिल्म भी खूब चली. वर्ष 2003 में ससुरा बड़ा पईसावाला भोजपुरी फिल्म जब लगी, तो यहां अभिनेता मनोज तिवारी आये थे और दर्शकों से रु-ब-रु हुए थे.
बंद होने की ये हैं वजहें
आज के दौर में सिनेमा देखने के कई प्लेटफॉर्म हैं. इनमें प्रमुख हैं नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, हॉटस्टार, यूट्यूब और भी कई अन्य. इसके इतर मल्टीप्लेक्स का कल्चर भागलपुर में भी डेवलप होने लगा है. इससे दर्शकों को सुविधाओं से भरे और मनमाफिक माहौल में फिल्में देखने का अवसर मिल रहा है. इस वजह से परंपरागत सिनेमा हॉल की तरफ दर्शकों का आकर्षण कम हो गया है.
भागलपुर में अब तक बंद होनेवाले सिनेमा हॉल
- पिक्चर पैलेस, भागलपुर
- महादेव टॉकिज, भागलपुर
- शारदा टॉकिज, भागलपुर
- शंकर टॉकिज, भागलपुर
- अजंता टॉकिज, भागलपुर
- प्रेम चित्र मंदिर, सबौर
- कल्पना टॉकिज, कहलगांव
- नवचित्र मंदिर, कहलगांव
- सविता टॉकिज, सुलतानगंज
- नवगछिया कृष्णा चित्र मंदिर
- नवगछिया दुर्गा चित्र मंदिर
- नवगछिया मोहन चित्र मंदिर
- जवाहर टॉकीज
दीपप्रभा टॉकीज के मालिक बोले…
अब फिल्में देखने के कई साधन हो चुके हैं. परंपरागत सिनेमा हॉल को दर्शक मिल नहीं रहे और जितने दर्शक मिल रहे हैं, उससे सिनेमा हॉल का संचालन संभव नहीं है. इसी वजह से दीपप्रभा टॉकीज को बंद करने का निर्णय लिया गया है. लेकिन बंद करने से पहले दीपप्रभा के तमाम कर्मियों के बकाया का भुगतान कर दिया जायेगा. इस जगह पर कोई दूसरा प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय बाद में लिया जायेगा.
प्रेमेंद्र मोहन ठाकुर, मालिक, दीपप्रभा टॉकीज
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