बरौनी. जनवादी लेखक संघ और गढ़हरा दर्पण परिवार द्वारा जनपद के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर प्रशांत के स्मृति दिवस पर गढ़हरा में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मध्य रेलवे इण्टर कॉलेज गढ़हरा के प्रधानाचार्य कवि शान्तनु एवं संचालन कुमार विनीताभ ने किया. युवा कवि कुमार सुसिताभ ने आगत अतिथियों के सम्मान में स्वागत वक्तव्य दिया. पूर्व सरपंच राजन कुमार चौधरी ने अपने जनवादी गीतों से माहौल को संगीतमय बना दिया. तत्पश्चात् ””””””””आज के संदर्भ में कवि रामेश्वर प्रशांत”””””””” विषय केन्द्रित विमर्श में युवा आलोचक प्रवीण प्रियदर्शी ने कहा कि देश में किसान, मजदूर, युवा शासक वर्ग की जनविरोधी नीतियों से त्रस्त हैं. अंगुलियों पर गिने जाने लायक पूंजीपतियों के हित में सारा तंत्र लगा है. ऐसे में कविवर रामेश्वर प्रशांत की कविताएं हमें मार्ग दिखाती हैं. सामाजिक कार्यकर्ता रमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि रामेश्वर प्रशांत जनवाद के संवाहक कवि थे. नगर परिषद बीहट के पूर्व उप मुख्य पार्षद ने कहा कि रामेश्वर प्रशांत की रचनाएँ संघर्ष के दौर में पथ-प्रदर्शक का काम करती हैं. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के जोनल कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि रामेश्वर प्रशांत युगद्रष्टा कवि थे. अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कवि शान्तनु ने कहा कि रामेश्वर प्रशांत की कविताओं को पढ़ते हुए हम जैसे युवाओं को साहित्य रचने की प्रेरणा मिली. उन्होंने विस्तार पूर्वक यादों को साझा करते हुए बताया कि किस तरह मथुरा उत्तर प्रदेश से निकलने वाली पत्रिका ””””””””उत्तरार्ध”””””””” के संपादक सव्यसाची कवि रामेश्वर प्रशांत की रचनाओं को प्रकाशित करते टिप्पणी करते थे. उन्होंने अपने वक्तव्य के अंत में अपनी जन पक्षधर कविता का पाठ किया. शिक्षक रणजीत कुमार सिंह, प्रेम कुमार पिंटू, रेलवे ट्रेन प्रबंधक रामरतन महतों, रेलवे स्काउट के जिला सचिव जीवानंद मिश्र, कोशी कॉलेज खगड़िया के विनोद मिश्र, रेलवे ओबीसी सोनपुर के मंडल अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, रमेश कुमार शर्मा, रंजीत दास, सुरेश गुप्ता, रामनरेश राय, रतीश रमण समेत अन्य वक्ताओं ने अपने विचारों के द्वारा विमर्श को समृद्ध किया. अधिवक्ता रामरतन दास ने धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम के प्रारंभ में रामेश्वर प्रशांत की कविताओं का पाठ किया गया. इस अवसर पर सुमति देवी, कपिलदेव, शीतांशु भास्कर, प्रियांशु, हिमांशु, मंजुलता, अमृता आनंद, सूक्ति, किरण, श्रेयसी, सृष्टि, मोनी, सिमरन, खुशी, पायल, शांभवी, विभव सहित कई साहित्यप्रेमी मौजूद थे.
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