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प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें’ अभियान का हुआ आगाज


Environment: मौजूदा समय में पर्यावरण संरक्षण भारत ही नहीं दुनिया के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय बन गया है. क्लाइमेट चेंज के कारण कृषि से लेकर हर क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. वैश्विक स्तर पर विशेषज्ञ पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित कर रहे हैं. पर्यावरण के लिए प्लास्टिक कचरा सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए व्यापक स्तर पर अभियान और नीति को लागू किया जा रहा है. इस कड़ी में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के मौके पर एक राष्ट्रव्यापी जन-आंदोलन अभियान ‘एक राष्ट्र, एक मिशन: प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें’ का शुभारंभ किया.

यह अभियान भारत की प्रमुख पहल- मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के साथ, पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वीडियो जारी करते हुए सभी से प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए सतत जीवन शैली को अपनाकर जागरूकता से लेकर सामूहिक कदम उठाने की जरूरत है. सरकारी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, संबद्ध संस्थानों और निजी संगठनों सहित सभी सहभागी हितधारकों को अभियान की विषयवस्तु के साथ अपनी पहल को सामने लाने के लिए ‘मेरी लाइफ’ पोर्टल पर गतिविधि का विवरण अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. 

मिशन लाइफ को बढ़ावा देना है मकसद

विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है. इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण के लिए वैश्विक जागरूकता और कार्रवाई को प्रोत्साहित करना है. मिशन लाइफ विषय: ‘एकल प्रयोग प्लास्टिक को न कहें’, इस साल समारोह का मुख्य संदेश है.  इस साल चलाए जाने वाले अभियान के तहत प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना, एकल उपयोग प्लास्टिक सहित प्लास्टिक अपशिष्ट के उपयोग और उत्पादन में कमी करना, प्लास्टिक कचरे के पृथक्करण, संग्रहण, निपटान और पुनर्चक्रण के माध्यम से एकल उपयोग प्लास्टिक सहित प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन करना, एकल उपयोग प्लास्टिक के लिए दीर्घकालीन विकल्पों के विकास को प्रोत्साहन प्रदान करना है. विश्व पर्यावरण दिवस 2025 तक चलने वाला यह अभियान प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करने और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को अपनाने को पर केंद्रित है.

इसका उद्देश्य सामुदायिक शिक्षा, व्यवहार परिवर्तन पहल और दीर्घकालीन सामग्रियों में इनोवेशन के जरिये लोगों को अधिक पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली की ओर प्रेरित करना है. इस अभियान में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों, स्थानीय निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग, नागरिक समाज और सामुदायिक समूहों के बीच व्यापक गतिविधियों का आयोजन होगा. इसके तहत सोशल मीडिया अभियान, नुक्कड़ नाटक, सार्वजनिक प्रतिज्ञा, पोस्टर और निबंध प्रतियोगिताओं, मैराथन जैसी गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता फैलाने की पहल होगी. समुद्र तटों, पार्कों, नदी तटों, परिसरों, पर्यटन स्थलों, रेलवे स्टेशनों और ग्रामीण क्षेत्रों आदि में स्वच्छता अभियान चलाने, एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्प पर कार्यशालाएं और वेबिनार, शैक्षिक गतिविधियां आयोजित होगी.