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यमुना की सफाई मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता


Yamuna: दिल्ली चुनाव में भाजपा ने यमुना नदी की सफाई को प्रमुख मुद्दा बनाया था. सरकार बनने के बाद यमुना सफाई को लेकर कार्य योजना तैयार हो चुकी है. दिल्ली सरकार के बजट में यमुना सफाई के लिए करोड़ों रुपये का आवंटन किया गया है. यमुना की सफाई को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर काम कर रही है. गुरुवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक उच्चस्तरीय बैठक में यमुना की सफाई, दिल्ली में पीने के पानी और सीवेज व्यवस्था को लेकर एक उच्च-स्तरीय बैठक की. इस बैठक में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अलावा वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने यमुना सफाई, पीने के पानी और सीवेज की समस्या दूर करने के लिए एक होलिस्टिक एप्रोच के साथ काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यमुना हमारे लिए सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि आस्था का प्रतीक भी है, इसलिए इसकी स्वच्छता मोदी सरकार की प्राथमिकता है. जल शक्ति मंत्रालय को सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एक एसओपी बनानी चाहिए जिससे उनकी गुणवत्ता, रखरखाव और डिस्चार्ज के मानदंड स्थापित किए जाये. उन्होंने कहा कि यह एसओपी अन्य सभी राज्यों के साथ भी साझा किया जाना चाहिए. 

आने वाले 20 साल को ध्यान में रखकर बने योजना


अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में यमुना, पीने के पानी और ड्रेनेज को लेकर जो भी योजना बनायी जाये वह अगले 20 सालों को ध्यान में रख कर बनाने की जरूरत है. यमुना की सफाई में दिल्ली जल बोर्ड की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए, इसका सुदृढ़ीकरण बहुत आवश्यक है. इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड में खाली पदों को तत्काल भरे जाने की जरूरत है. दिल्ली में जल वितरण क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पूरी दिल्ली को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल का प्रबंधन बहुत आवश्यक है. दिल्ली में जल आपूर्ति के लिए जल बोर्ड पाइपलाइनों में लीकेज को रोकने के साथ जल वितरण संरचना को और सुदृढ़ बनाने के साथ ही नालों से गाद हटाने के लिए विश्व-स्तरीय तकनीक के उपयोग करने पर गौर किया जाना चाहिए. 

दिल्ली सरकार ने यमुना नदी की सफाई और उसमें गिरने वाले गंदे पानी पर नजर रखने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति 32 जगहों पर रियल-टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने का फैसला किया है. इसमें 22 बड़े नाले और 10 यमुना नदी से जुड़े स्थान शामिल हैं. मॉनिटरिंग स्टेशन हर समय यमुना और उसके नालों के पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगे और डेटा सीधे दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के सर्वर पर चला जायेगा. डेटा का विश्लेषण कर उचित कदम उठाया जायेगा.