Health: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जन भागीदारी जरूरी है. इस बाबत गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने केंद्रीय अस्पताल, वरिष्ठ अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के साथ कायाकल्प मंथन की अध्यक्षता की. इस मंथन का मकसद स्वच्छता, इंफेक्शन कंट्रोल उपाय को लागू करने पर जोर देना है. राज्य के अस्पताल और मेडिकल संस्थानों में यह योजना नेशनल हेल्थ मिशन के जरिये चलायी जा रही है. इस कार्यक्रम के जरिये उपलब्धि हासिल हुई है, लेकिन सुधार की काफी गुंजाइश है.
बैठक को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि कायाकल्प मंथन का आगाज 10 साल पहले 10 केंद्रीय अस्पताल में शुरू किया गया था और अब इसमें 25 अस्पताल जुड़ गए हैं. पिछले एक साल में अस्पतालों में व्यापक सुधार आया है, लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए लगातार कदम उठाने की जरूरत है. देश में लगातार स्वास्थ्य सेवा में सुधार की आकांक्षा लोग कर रहे हैं. लोगों के मांग को ध्यान में रखते हुए सभी को मिलकर काम करना होगा.
स्वास्थ्य सेवा में पर्यावरण पर ध्यान देने की जरूरत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक है. अस्पताल का सकारात्मक माहौल मरीज और स्वास्थ्य कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. हर रोज हजारों मरीज अस्पताल जाते हैं और उन्हें गुणवत्ता पूर्ण इलाज मिलता है. लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने के बावजूद मरीज के मन में अस्पताल को लेकर सकारात्मक सोच नहीं होती है. ऐसे में इस सोच को बदलने के लिए आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है.
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी अस्पतालों को लेकर लोगों की धारणा बदलने के लिए कदम उठाने को कहा. उन्होंने सभी हितधारकों से इन धारणा के मूल कारण का पता लगाने और लोगों के मन से इस धारणा को दूर करने के लिए कदम उठाने की गुजारिश की. सभी अस्पतालों की चुनौतियां अलग-अलग हो सकती है. लेकिन अधिकांश चुनौतियों का सामना बेहतर प्रबंधन और सेवा को समग्र बनाकर किया जा सकता है. बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए जनभागीदारी जरूरी है.