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IPL ने मेरी जिंदगी बदल दी, लेकिन ये था टर्निंग पॉइंट, दिल्ली के हरफनमौला खिलाड़ी का बड़ा बयान


IPL 2025: दिल्ली कैपिटल्स के हरफनमौला विपराज निगम (Vipraj Nigam) का मानना है कि आईपीएल से उनके जीवन में काफी बदलाव आये हैं और दिग्गज क्रिकेटरों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने से मिली सीख उनके कैरियर को निखारने में काफी काम आयेगी. बीस वर्ष के निगम को दिल्ली कैपिटल्स ने 50 लाख रूपये में खरीदा था. उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से प्रभावित किया है. निगम ने इस सीजन दिल्ली के लिए 12 मैचों में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने 68 के हाइएस्ट स्कोर के साथ 122 रन बनाए और शानदार बॉलिंग करते हुए 9 विकेट लिए. 

सीनियर खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने के बारे में निगम ने कहा, ‘‘जीवन में कई बदलाव आये हैं. आईपीएल से चीजें बदल जाती है. आपको इतने बड़े सीनियर खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका मिलता है. उनसे और उनके अनुभव से सीखने का मौका मिलता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिये ये नये अनुभव हैं और मैं अपने खेल में इस सीख पर अमल करने की कोशिश करूंगा.’

निगम ने दिल्ली के कोचिंग स्टाफ की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘जब मुझे दिल्ली टीम ने चुना और उससे पहले भी मैने अपने कोचों और प्रबंधन से बात की. उन्होंने मुझे हमेशा कहा कि वे मुझे हरफनमौला के रूप में देखते हैं. उन्होंने घरेलू क्रिकेट और लीग में मेरी बल्लेबाजी देखी और संदेश साफ था कि दो से चार ओवर फेंकने के अलावा मुझे बल्लेबाजी पर भी फोकस करना है.’’

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले निगम ने कहा अपने प्रदेश के लिये खेलने के बाद जब वे राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी गए तो कोचों ने मेरी काफी मदद की. वे बल्लेबाज के तौर पर गए थे, लेकिन वहां उन्होंने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों पर फोकस किया. निगम ने कहा, “मैंने यूपीटी20 लीग खेली है। मेरे लिए सबसे खास बात मेरे कोच का समर्थन था। उन्होंने मुझे यह समझने में मदद की कि अगर आप एक गेंदबाज हैं और आप छक्के नहीं मार सकते या मैच खत्म नहीं कर सकते, तो आप अपने समग्र विकास को सीमित कर रहे हैं। उनके साथ समय बिताने से मुझे एक खिलाड़ी के रूप में खुद को निखारने में काफी मदद मिली.” 

उन्होंने माना कि नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में उनका कार्यकाल एक गेंदबाज के रूप में उनके विकास में एक टर्निंग पॉइंट था। निगम ने कहा, “जब मैं अपने राज्य के लिए खेलने के बाद एनसीए गया, तो वहां के कोचों ने मुझे वास्तव में निखारने में मदद की। मैं एक बल्लेबाज के रूप में गया था, लेकिन मैंने वहां बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों की प्रैक्टिस की। एक लेग स्पिनर के रूप में उन्होंने मुझे अपनी गेंदबाजी को गंभीरता से लेने को कहा। पहले मैं सिर्फ 2-3 ओवर एक पार्ट-टाइमर की तरह डालता था, लेकिन एनसीए में जाने के बाद मेरी सोच पूरी तरह बदल गई.” 

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