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रघुवार दास ने पीड़ित आदिवासी महिला को दिया 50 हजार रुपये का मुआवजा, सरकार पर लगाया तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप


बोकारो, मुकेश: बोकारो मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) ने पीड़ित आदिवासी महिला से मुलाकात की. उन्होंने पीड़िता को 50 हजार रूपये की सहायता राशि भी दी. इस दौरान रघुवर दास ने सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा पीड़िता के साथ खड़ी है.

पीड़िता को दिये 50 हजार

जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बोकारो के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के कदरूखुटा गांव पहुंचे. यहां उन्होंने बोकारो मॉब लिंचिंग मामले में पीड़ित आदिवासी महिला से मुलाकात की. इस दौरान रघुवर दास ने पीड़िता से पूरी घटना की जानकारी ली और उन्हें 50 हजार की सहायता राशि (मुआवजा) प्रदान किया.

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ग्रामीणों से ली मामले की जानकारी

इस दौरान भाजपा नेता ने ग्रामीणों से भी घटना की जानकारी ली. ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद विशेष समुदाय के लोग लगातार पीड़िता को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. इस पर रघुवर दास ने कहा कि सभी एकजुट रहें. हमारे रहते कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता.

डीसी और एसपी को दिये निर्देश

इस दौरान रघुवर दास ने बोकारो डीसी और एसपी से भी बात की. उन्होंने अधिकारियों को पीड़िता के परिवारवाले और गांव वालों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया. इसके साथ ही सरकारी प्रावधान के मुताबिक पीड़ित आदिवासी महिला को चार लाख रूपये मुआवजा देने की भी बात कही.

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पीड़िता ने क्या कहा

पीड़िता आदिवासी महिला ने रघुवर दास को बताया कि वह तालाब में नहा रही थी. इसी दौरान मृतक ने उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया. जब उसने विरोध करते हुए उसे दांत से काटा तो वह भाग खड़ा हुआ. हल्ला करने पर ग्रामीणों ने उसे पकड़ कर पीटा, जिसमें विशेष समाज के युवक भी शामिल थे. पीड़िता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सहयोग और न्याय की गुहार लगायी है.

राज्य सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही- रघुवर दास

वहीं, पीड़िता और ग्रामीणों से मिलने के बाद रघुवर दास ने मीडिया से बातचीत की. इसमें उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. चुनाव से पहले आदिवासी की बात करती है और चुनाव के बाद पापी पेट का सवाल हो जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य के एक मंत्री को विशेष समुदाय के घर जाकर मुआवजा और नौकरी देने की बात नहीं करनी चाहिए थी. उन्हें आदिवासी महिला के घर भी जाना चाहिए था.

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कानून हाथ में नहीं लेना चाहिये था

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मॉब लिंचिंग का मामला नहीं है. बलात्कार के आरोपी के साथ आक्रोशित लोगों ने मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई. लेकिन लोगों को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिये था. उन्होंने कहा कि इस राज्य में एक विशेष समुदाय के द्वारा आदिवासियों पर लगातार इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. जिसे अब पूरी तरह से बंद करना होगा. पार्टी इस पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है.

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