Congress: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने निर्णायक कार्रवाई करने की बात कही थी. कांग्रेस की ओर से भी सरकार को इस हमले के खिलाफ किए जाने वाले कार्रवाई का पूर्ण समर्थन देने का वादा किया गया था. केंद्र की मोदी सरकार ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के पांच और पाकिस्तान के चार आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया. भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये सैकड़ों आतंकवादियों को मारने का वादा किया. भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की गयी. पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले का प्रयास किया गया, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया.
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के खिलाफ भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस और एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया. भारत की कार्रवाई के डर से पाकिस्तान की ओर से सीजफायर की गुहार लगायी गयी, जिसे भारत से स्वीकार कर लिया. सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता करने के दावे को लेकर विवाद पैदा हो गया. हालांकि भारत सरकार ने साफ किया कि इसमें अमेरिका की भूमिका नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत ने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला लिया. लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टियों की ओर से दिए गए नाम को दरकिनार करने के बाद कांग्रेस की ओर से आतंकवाद के खिलाफ सरकार की तैयारी और सर्वदलीय शिष्टमंडल पर सवाल उठाए गए.
सरकार सिर्फ प्रचार हासिल करने का कर रही है प्रयास
कांग्रेस महासचिव एवं मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि 26/11 मुंबई हमले के सभी आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार दिया था और एक आतंकी जिंदा पकड़ा गया गया था. इस हमले के बाद दुनिया भर के देश भारत के समर्थन में थे. लेकिन पहलगाम हमले के सभी आरोपी फरार हैं और सरकार डोजियर तैयार कर रही है. इस बाबत सर्वदलीय शिष्टमंडल को दूसरे देश भेजा जा रहा है. ठोस कार्रवाई की बजाय सरकार असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
राहुल गांधी ने सरकार से सवाल पूछा तो पूरी भाजपा उनके पीछे पड़ गयी, जबकि भाजपा और केंद्र सरकार को उठाए गए सवाल का जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ मौजूदा सैन्य संघर्ष में चीन ने पाकिस्तान की मदद की और दोनों देशों गठजोड़ को लेकर राहुल गांधी पहले ही सवाल उठा चुके हैं. इन सवालों का जवाब देने की बजाय सरकार की ओर से लोगों को भ्रमित करने के लिए सर्वदलीय बैठक भेज रही है. इससे सरकार को आतंकवाद के मामले पर कुछ हासिल नहीं होगा.