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संजय चौधरी को भाड़े के शूटर ने मारी थी गोली, गिरोह के तीन शातिर हथियार समेत धराए


अंकित कुमार/ Bihar Crime: मुजफ्फरपुर के चर्चित संजय कुमार चौधरी उर्फ रामनवमी चौधरी की हत्या मामले में पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए बदमाशों में शामिल सरैया थाना क्षेत्र के बासुचक के प्रकाश पासवान और राजेश कुमार व पारु इलाके के मनोज कुमार हैं. इनके पास से पुलिस ने एक पिस्टल, दो देसी कट्टा, चार कारतूस, 29 ग्राम स्मैक और दो बाइक बरामद किया है. यह जानकारी सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में सिटी एसपी विश्वजीत दयाल ने दी. उन्होंने बताया कि घटना को पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया. एसडीपीओ-2 विनीता सिन्हा के नेतृत्व में सदर थानाध्यक्ष अस्मित कुमार लगातार अपराधियों की तलाश में थे. तकनीकी और मानवीय इनपुट के आधार पर सरैया इलाके से तीन बदमाशों को पकड़ा गया. पूछताछ के दौरान इन बदमाशों ने हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है, हालांकि तीनों में से किसी ने गोली चलाने की बात से इन्कार किया है. उन्होंने पुलिस को बताया है कि गोली उन्होंने नहीं चलाई है.

पुलिस कर रही मामले की जांच

सिटी एसपी ने बताया कि अबतक की जांच के अनुसार संजय की हत्या जमीन विवाद को लेकर की गई है. गोली चलाने वाले और गिरोह में शामिल बदमाशों को सुपारी किसने दी थी. यह पुलिस के लिए अभी मिस्ट्री बनी हुई है. सिटी एसपी ने बताया कि हत्या के लिए सुपारी देने वाले और सुपारी लेकर इस मामले को अंजाम देने वाले की पुलिस तलाश कर रही है. विनीता सिन्हा ने बताया कि हत्या के 12 दिन पहले तीन मई को भी इन बदमाशों ने पताही में एलपी शाही कॉलेज के पास संजय पर गोली चलाई थी, लेकिन उस दिन संजय बच निकला था. संजय या उनके किसी परिजन ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी थी. जांच के क्रम में यह बात सामने आयी है. पकड़े गए बदमाशों में शामिल प्रकाश पासवान और मनोज कुमार तीन मई को भी गोली चलाने में शामिल थे.

सरैया में ढाबा चलाता है राजेश, यहीं हुई थी हत्या की प्लानिंग

पुलिस को जानकारी मिली है कि सुपारी लेने के बाद चार बदमाश हथियार से लैश होकर पहुंचे थे. इसमें से एक ने गोली चलाई थी. सीसीटीवी फुटेज में गोली चलाने वाले का चेहरा नहीं दिख रहा है. पकड़े गए तीन बदमाशों ने कहा कि गोली उसने नहीं चलाई थी. ऐसे में फरार चौथे साथी को पुलिस खोज रही है. बदमाश प्रकाश और मनोज ने बताया कि सरैया में राजेश कुमार का ढाबा है. यहीं हत्या की प्लानिंग की गई थी. पताही में हत्या के बाद सभी यहीं पहुंचे थे. यहां पार्टी हुई थी और हत्या के बदले मिले पैसे का बंटवारा भी हुआ था. हालांकि, सुपारी किसने दी थी और किसे दी थी, पुलिस इसे डिकोड नहीं कर सकी है.

आठ कट्ठा भूमि को लेकर चल रहा था विवाद

पुलिस को जांच में पता चला है कि पूर्व में रामनवमी चौधरी के भाई की हत्या भी प्रॉपर्टी विवाद में हुई थी. उनकी हत्या के बाद रामनवमी प्रॉपर्टी को लेकर सक्रिय थे. एलपी शाही कॉलेज के पास इनका आठ कट्ठा भूमि था. हत्या के मुख्य साजिशकर्ता की इसके ठीक पीछे भूमि थी. रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था. इसी को लेकर रामनवमी चौधरी की हत्या कर दी गई.

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