LIVE डेमो में दिखी भारतीय वायुसेना की ताकत, पाकिस्तानी हमले से स्वर्ण मंदिर को बचाया |Golden Temple Drone Attack
Golden Temple Drone Attack: भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने ड्रोन से हमला किया था जिसे भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया. पाकिस्तान का मुख्य निशाना जम्मू-कश्मीर, गुजरात और पंजाब के प्रमुख शहर थे. विशेष रूप से अमृतसर स्थित पवित्र स्वर्ण मंदिर को नुकसान पहुँचाना उसका मुख्य उद्देश्य था.
गोल्डन टेंपल को एयर डिफेंस से पूरी तरह सुरक्षित किया गया
भारतीय सेना ने पंजाब के अमृतसर में डेमो के जरिए दिखाया कि किस तरह आकाश मिसाइल प्रणाली, एल-70 एयर डिफेंस गन और अन्य उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों ने इस हमले को रोका. सेना ने उन पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन का मलबा भी प्रदर्शित किया, जिन्हें इंटरसेप्ट करके नष्ट कर दिया गया.
#WATCH | Amritsar, Punjab: Indian Army shows a demo of how Indian Air Defence systems, including AKASH missile system, L-70 Air Defence Guns, saved the Golden Temple in Amritsar and cities of Punjab from Pakistani missile and drone attacks. pic.twitter.com/yulFvSFqKv
— ANI (@ANI) May 19, 2025
15 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने जानकारी देते हुए कहा
“हम जानते थे कि पाक सेना के पास कोई निश्चित टारगेट नहीं है, लेकिन हमने पहले से अनुमान लगाया था कि वे आर्मी इंस्टॉलेशंस, धार्मिक स्थलों और नागरिक ठिकानों को निशाना बना सकते हैं. इसलिए, हमने विशेष रूप से स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त एयर डिफेंस कवर तैयार किया.”
उन्होंने बताया कि 8 मई की सुबह अंधेरे में पाकिस्तान ने मानव रहित हवाई हथियारों, ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया. परंतु, भारतीय वायु रक्षा गनर्स की सतर्कता और साहस के कारण गोल्डन टेंपल पर एक खरोंच तक नहीं आई.
ऑपरेशन सिंदूर: जवाब में भारत का करारा हमला
पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया. इसमें नौ आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया, जिनमें से सात को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया.
सांसदों के दल के साथ नहीं जाएंगे युसूफ पठान
यूसुफ पठान ने केंद्र सरकार को जानकारी देते हुए बताया है कि वह विदेश दौरे के समय उपलब्ध नहीं होंगे. उन्होंने भारत सरकार के साथ इस मुद्दे पर बात करने के लिए सीधा संपर्क किया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में यूसुफ पठान का नाम जोड़ने की जानकारी टीएमसी पार्टी को नहीं दी गई थी. केंद्र सरकार ने सीधा यूसुफ से इस मुद्दे को लेकर बातचीत की थी. लेकिन अब यूसुफ ने विदेश जाने से इंकार करते हुए कहा है कि वह डेलिगेशन के साथ विदेश जाने के समय उपलब्ध नहीं हो पाएंगे.