Bihar News: पटना. शैक्षणिक सत्र 2025-26 में बिहार के 95 हजार 220 छात्र-छात्राओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ मिलेगा. इसमें सबसे अधिक पटना में 7840 छात्र-छात्राओं को शिक्षा ऋण दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है. सबसे कम शिवहर में 415 विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण दिलाने का लक्ष्य है. पिछले साल लक्ष्य से लगभग 12 प्रतिशत कम छात्र-छात्राओं को कम शिक्षा ऋण दिलाया जा सका था. शिक्षा विभाग 12वीं कक्षा में छात्र-छात्राओं की उत्तीर्णता के आधार पर लक्ष्य तय करता है. इस साल इंटरमीडिएट (12वीं कक्षा) उत्तीर्ण करनेवाले छात्र-छात्राओं की संख्या 11 लाख 7 हजार 330 है.
चार लाख रुपये तक मिलता है कर्ज
जिस जिले में इंटरमीडिएट उत्तीर्णकरने वालों की संख्या अधिक है, वहां स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लक्ष्य भी अधिक रखा गया है. पिछले साल 85 हजार 85 हजार को शिक्षा ऋण देने का लक्ष्य रखा गया था. इसके लिए 90 हजार 335 आवेदन मिले, लेकिन अंतिम रूप से 75 हजार स्टूडेंट को पढ़ाई के लिए ऋण मिले. मान्यता प्राप्त सरकारी और निजी संस्थानों में नामांकित बिहार के छात्र-छात्राओं को कॉलेज फीस के लिए शिक्षा ऋण देने का प्रावधान है. इसके साथ लैपटॉप और हॉस्टल में रहने का खर्च सहित अधिकतम 4 लाख रुपए ऋण देने का प्रावधान है.
2016 में हुई थी योजना की शुरुआत
सामान्य स्नातक, स्नातकोत्तर सहित इंजीनियरिंग और रोजगार परक कोर्स की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार छात्र-छात्राओं को शिक्षा ऋण देती है. एक विद्यार्थी को अधिकतम 4 लाख रुपए तक का लोन मिलता है. छात्रों को 4 प्रतिशत ब्याज और छात्राओं, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग छात्र-छात्राओं को एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने का प्रावधान है. बिहार के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए शिक्षा ऋण देने की योजना 2 अक्टूबर 2016 में शुरू हुई थी. शुरुआत में राज्य सरकार गारंटर बन कर बैंकों के माध्यम सेछात्र-छात्राओं को शिक्षा ऋण दिलाती थी, लेकिन बैंकों से शिक्षा ऋण मिलने में आनाकानी और परेशानी के बाद राज्य सरकार नेशिक्षा वित्त निगम बना कर शिक्षा ऋण देना तय किया.
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