Operation Sindoor on Strategic Pause: भारत सरकार ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की मौजूदा रोक केवल अस्थायी है और यदि सीमा पार आतंकवाद पर रोक नहीं लगी, तो अभियान दोबारा शुरू किया जा सकता है. इसी के तहत, सरकार ने सशस्त्र बलों को 40 हजार करोड़ तक की आपातकालीन खरीद (Emergency Procurement – EP) की मंजूरी दे दी है. यह जानकारी द टाइम्स ऑफ इंडिया ने शनिवार को दी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisitions Council) ने हाल ही में सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए आपात खरीद के छठे चरण (EP-6) को स्वीकृति दी. इससे सुरक्षा बलों को हथियारों और गोला-बारूद का भंडार बढ़ाने और उसकी भरपाई करने में मदद मिलेगी.
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पहले चार चरणों की आपात खरीद चीन के साथ लद्दाख में सैन्य गतिरोध के समय की गई थी, जबकि पांचवां चरण आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित था. अब EP-6 के तहत सेना, वायुसेना और नौसेना को 300 करोड़ रुपए तक के कई सौदों को तेजी से अंतिम रूप देने की छूट दी गई है. ये सौदे पूंजीगत और राजस्व व्यय दोनों के तहत हो सकते हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “इन अनुबंधों को 40 दिनों के भीतर अंतिम रूप देना होगा और एक वर्ष के भीतर डिलीवरी पूरी होनी चाहिए. इन अधिकारों का प्रयोग तीनों सेनाओं के वाइस चीफ करेंगे.” इससे सेना मिसाइलों, लंबी दूरी के हथियारों, लोइटरिंग और सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री, ‘कामिकाजे ड्रोन’, काउंटर-ड्रोन सिस्टम सहित अन्य हथियार और गोला-बारूद का भंडार तेजी से मजबूत कर सकेगी.
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EP-6 के तहत कुल रक्षा बजट के 15% तक की पूंजीगत और राजस्व खरीद की सीमा तय की गई है. अधिकारी ने बताया, “हर खरीद वित्तीय सलाहकार की सहमति से की जाएगी और आयात के लिए विशेष अनुमति आवश्यक होगी.” उन्होंने यह भी बताया कि “हालांकि वास्तविक खर्च 15% सीमा से कम ही रहने की संभावना है, लेकिन यह प्रावधान बलों को त्वरित अभियानगत जरूरतों को पूरा करने की लचीलापन देता है, खासतौर पर 7 से 10 मई के बीच हुई चार दिन की भीषण झड़पों के दौरान घटे गोला-बारूद की भरपाई के लिए.”
उदाहरण के तौर पर, वायुसेना ने हालिया हमलों में कई उन्नत हथियारों का प्रयोग किया, जिनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (रूस के साथ संयुक्त विकास), इजराइली ‘क्रिस्टल मेज-2’ और ‘रैम्पेज’ मिसाइल, ‘स्पाइस-2000’ बम, फ्रांसीसी ‘स्कैल्प’ और ‘हैमर’ एयर-टू-ग्राउंड हथियार शामिल हैं. इसके अलावा, वायुसेना ने इजराइल निर्मित ‘हेरोप’ और ‘हार्पी’ कामिकाजे ड्रोन का भी उपयोग किया. यह आपात कदम संकेत देता है कि भारत अब तेजी से अपनी सैन्य तैयारी को और मजबूत करने में जुट गया है और पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि कोई भी उकसावे की कार्रवाई अब बिना जवाब के नहीं छोड़ी जाएगी.
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