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अस्पतालों में तड़प रहे पाक सैनिक, हालचाल लेने पहुंचे जनरल मुनीर और मुख्यमंत्री मरियम नवाज


Operation Sindoor: भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव इतना व्यापक और तीव्र रहा है कि एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद पाकिस्तान के सैन्य अस्पतालों में घायल सैनिकों का इलाज जारी है. भारतीय वायुसेना की सटीक और योजनाबद्ध बमबारी ने न केवल आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया बल्कि पाकिस्तानी सेना की रीढ़ पर भी जोरदार प्रहार किया. इस सैन्य अभियान ने पाकिस्तान की तैयारियों और उसके सैन्य ढांचे की पोल खोल दी है.

भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि उनका लक्ष्य केवल आतंकी अड्डे और आतंकवादी थे, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने इसे सीधी लड़ाई मानते हुए भारतीय ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की. जवाब में भारतीय सेना ने सख्त कदम उठाए और पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर कई अहम एयरबेस को ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 40 से अधिक सैनिक और अधिकारी मारे गए हैं.

पाकिस्तान की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उसके आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज को अस्पतालों में घायल जवानों से मिलने जाना पड़ा. मरियम नवाज ने सैनिकों के सिर पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना दी, जबकि मुनीर ने रावलपिंडी के मिलिट्री अस्पताल का दौरा कर घायल जवानों से मुलाकात की. इन तस्वीरों और घटनाओं से यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान के दावे, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की कार्रवाई ज्यादा प्रभावी नहीं रही, पूरी तरह गलत साबित हुए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अब आतंकवाद और शांति वार्ता को एक साथ स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ अब केवल आतंकवाद पर ही बात होगी, और देश की सुरक्षा से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा.

वहीं, आसिम मुनीर ने अस्पताल में घायल जवानों से मिलने के बाद बयान दिया कि पाकिस्तान की सेना के हौसले बुलंद हैं और दुश्मन उन्हें कभी झुका नहीं सकता. हालांकि उनकी यह टिप्पणी एक गीदड़भभकी से ज्यादा कुछ नहीं मानी जा रही है, क्योंकि जमीनी हकीकत यह है कि भारत की योजना और रणनीति ने पाकिस्तान को गहरा झटका दिया है.

ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवाद और उसके संरक्षकों को भारत की ओर से दिया गया स्पष्ट और निर्णायक संदेश है. भारतीय सेना की यह कार्रवाई न केवल सीमाओं की रक्षा का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि देश अब किसी भी खतरे के प्रति तुरंत और प्रभावी जवाब देने में सक्षम है.