Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया. ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान की ओर से भारतीय क्षेत्र में मिसाइल और ड्रोन से हमले की कोशिश की गयी. भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के सभी प्रयासों को ना सिर्फ विफल किया, बल्कि जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई एयरबेस और डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह तबाह कर दिया. भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई को देखते हुए पाकिस्तान के अमेरिका से सीजफायर की गुहार लगायी और भारत शर्तों के साथ सीजफायर के लिए राजी हुआ. सोमवार को भारतीय सेना की ओर से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई अहम जानकारी दी गयी. सेना ने बताया कि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने कैसे पाकिस्तान के हर हमले के प्रयास को विफल कर दिया.
एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि भारतीय सेना की लड़ाई आतंकी संगठन और उनके इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ थी, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने आतंकी संगठनों का समर्थन कर दोनों देशों के बीच हालात को खराब करने का काम किया. हमारा एयर डिफेंस सिस्टम देश के लिए दीवार की तरह खड़ा था और पाकिस्तान के लिए इसे पार पाना मुश्किल था. इस दौरान भारतीय सेना ने आकाश मिसाइल सिस्टम का प्रयोग किया. उन्होंने कहा कि देश के सभी सैन्य प्रतिष्ठान और सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित हैं और भावी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
चीन के तुर्की के हथियार भी नहीं आए पाकिस्तान के काम
डीजीएमओ राजीव घई ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैन्य ठिकानों के साथ ही आम नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश की. पूर्व में पाक प्रायोजित आतंकवादी भारत में कई हमले को अंजाम दे चुके थे, लेकिन पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के पाप का घड़ा भर चुका था. पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने अपनी एयर डिफेंस को सशक्त करने की पूरी तैयारी कर ली थी और इस काम में बीएसएफ का भी अहम योगदान रहा. ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय का सबसे बेहतरीन उदाहरण है और इस काम में सरकार का भी पूर्ण सहयोग मिला. भारतीय सेना ने कहा कि पाकिस्तान ने चीन निर्मित पीएल-15 मिसाइल का उपयोग किया, जिसे मार गिराया था.
साथ ही तुर्की निर्मित ड्रोन का भी प्रयोग किया और इसे भी भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पूरी तरह विफल कर दिया. इस दौरान सेना ने सबूत भी पेश किया. गौरतलब है कि सोमवार को 12 बजे भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच बातचीत होनी थी, लेकिन इसे देर शाम के लिए टाल दिया गया. वहीं सोमवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च-स्तरीय बैठक की. इस बैठक में तीनों सेना प्रमुख के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.