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भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धि से रूबरू होगी दुनिया



Space: स्पेस क्षेत्र में भारत लगातार प्रगति कर रहा है. मौजूदा समय में भारत का स्पेस क्षेत्र दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो चुका है और स्पेस क्षेत्र में कई स्टार्टअप बन चुके हैं. स्पेस क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को देखते हुए भारत 7-9 मई तक वैश्विक स्तर पर आयोजित होने वाले ग्लोबल स्पेस एक्सप्लोरेशन कांफ्रेंस के 12वें चरण का आयोजन करने जा रहा है. तीन दिन तक चलने वाले आयोजन का मुख्य विषय है ‘रिचिंग न्यू वर्ल्ड: ए स्पेस एक्सप्लोरेशन रेनेसांस’. कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ग्लोबल स्तर पर स्पेस क्षेत्र में प्रमुख भागीदार के तौर पर सामने आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के स्पेस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला है. 

गौरतलब है कि स्पेस क्षेत्र में सैटेलाइट के प्रक्षेपण से लेकर दो सैटेलाइट को जोड़ने का काम करने में सफलता हासिल की है. इसरो ने इस साल सैटेलाइट काे जोड़ने और फिर उसे अलग करने की तकनीक का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया. यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर चंद्रयान-4, गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसी योजनाओं के लिए. डॉकिंग तकनीक अंतरिक्ष में मानवयुक्त मिशनों, नमूना वापसी और अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिए जरूरी है. 

स्वदेशी तकनीक का होगा प्रदर्शन


तीन दिन तक चलने वाले इस वैश्विक आयोजन को इंटनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन और इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन(इसरो) आयोजित कर रहा है. इस आयोजन का मकसद भारत को वैश्विक स्तर पर स्पेस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर स्थापित करना है. वर्ष 2010 में बनी इस संस्था का उद्देश्य स्पेस क्षेत्र में इनोवेशन, संवाद और सहयोग को नयी दिशा प्रदान करना है. कार्यक्रम में 36 देशों के 1800 प्रतिनिधि के अलावा 233 विदेशी मेहमान शामिल होंगे. 

इस दौरान 15 विभिन्न विषयों पर सत्र का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान स्पेस प्रदर्शनी का आयोजन होगा, जिसमें विश्व प्रसिद्ध 22 देशों के संगठन शामिल होंगे, जिसमें भारत के स्टार्टअप, इसरो और वैश्विक स्पेस कंपनी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेगी. भारत सरकार ने स्पेस में निवेश के लिए निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने का काम किया है. सरकार के इस फैसले के कारण भारत के स्पेस क्षेत्र के विकास को नयी गति मिली है और आने वाले समय में देश इस मामले में अग्रणी होगा.