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7 मई को क्या होगा? पढ़ें मॉक ड्रिल की 10 बड़ी बातें



Mock Drills : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर सभी राज्यों को सात मई को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि यह अभ्यास उभरते नए और जटिल खतरों से निपटने की तैयारी के तहत किया जा रहा है. मॉक ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, नागरिकों को हमले की स्थिति में सुरक्षा उपायों की ट्रेनिंग, और बंकरों व खाइयों की सफाई जैसी गतिविधियां शामिल होंगी.

मॉक ड्रिल के अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’, महत्वपूर्ण संयंत्रों की सुरक्षा, निकासी योजनाओं का पूर्वाभ्यास, वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन शामिल है. इसके अलावा कंट्रोल रूम और सेडो कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता का टेस्ट भी किया जाएगा ताकि इमरजेंसी से निपटा जा सके.

गृह मंत्रालय के अनुसार मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या है?

1. हवाई हमले की चेतावनी देने वाली प्रणालियों की प्रभावशीलता का आकलन करना.
2. भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन/रेडियो संचार लिंक का संचालन करना.
3. कंट्रोल रूम और सेडो कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता का परीक्षण करना.
4. शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों, छात्रों आदि को प्रशिक्षण देना.
5. क्रैश ब्लैकआउट उपायों का प्रावधान.

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6. महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं के शीघ्र सुरक्षा देने का प्रावधान.
7. वार्डन सेवाओं, अग्निशमन, बचाव कार्यों और डिपो प्रबंधन सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता और प्रतिक्रिया को सत्यापित करना.
8. क्रैश ब्लैकआउट उपायों के कार्यान्वयन का आकलन करना.
9.  निकासी योजनाओं की तैयारी और उनके क्रियान्वयन का मूल्यांकन करना.
10. पत्र में कहा गया है, “इस अभ्यास का आयोजन गांव स्तर तक करने की योजना बनाई गई है. इस अभ्यास का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है.”