EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

बिहार में अब गुड़-गोबर और मट्ठा से बनने लगी खाद, खेत में डालने पर बंजर भूमि बनेगा उपजाऊ



रणजीत सिंह/ बिहारशरीफ में गुड़ गोबर, मट्ठा और नीम की पत्ती डालकर प्राकृतिक खाद (Organic Fertilizer) बनाया गया है़. फिलहाल इस खाद को बनाकर इसका ट्रायल खेतों में किया जायेगा. सुधांशु रंजन ने बताया कि खेती सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि भारत की आत्मा और भविष्य भी है. आज़ादी के बाद हरित और श्वेत क्रांति ने हमें आत्मनिर्भर बनाया. लेकिन अब खेती को एक बार फिर से नए स्तर पर ले जाने की जरूरत है क्योंकि उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी बंजर होती जा रही है.

पौधों में ग्रोथ के साथ मिट्टी के सेल का पुनर्निर्माण

इस संबंध में अभिमन्यु सिंह ने बताया कि यह एक प्रकार का प्रोबायोटिक्स है. इसके प्रयोग से पौधों में ग्रोथ होगी. मिट्टी के सेल का पुनर्निर्माण होगा. मित्र कीटों अर्थात लाभदायक जीवाणुओं में बढ़ोतरी होगी. फसलों को वायरस और इन्फ्लुएन्जा से बचाव करेगा. यह स्वायल प्रोबायोटिक्स मिट्टी, पौधों और मछलियों के लिए भी लाभदायक होगा. फसलों में उर्वरकों और रसायनों का अंश समाहित हो रहा है जिससे इंसान ही नहीं हर जीव जंतु बीमार हो रहे हैं. इसका एकमात्र उपाय है प्राकृतिक खेती को आत्मसात करना.

आसानी से घर पर बना सकते हैं यह खाद

इस नये प्राकृतिक खाद के संबंध में अलीनगर के विजय प्रसाद की पत्नी मनोरमा देवी ने बताया कि हम सब जानवर पालते हैं तो उसका गोबर ऐसे ही सीधे तौर पर खेतों में डाल देते हैं, जिससे उतना फायदा नहीं हो पाता है जितना होना चाहिए. अब गोबर में गुड़ और मट्ठा मिलाकर बनायेंगे तो इससे खेतों और फसलों को अधिक लाभ होगा. यह सरल और सस्ता खाद है. इसे कोई भी बहुत आसानी से अपने घर पर बना सकते हैं.

पहली बार गुड़ गोबर और मट्ठा से खाद बनवाया : सुधांशु

इस संबंध में अलीनगर हरनौत के किसान सुधांशु रंजन ने बताया कि चंडी प्रखंड के गौढ़ापर के वीर अभिमन्यु सिंह के दिशा निर्देश में पहली बार गुड़ गोबर और मट्ठा से खाद बनवाया गया है जो प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगा. हम अपने खेतों में इसी खाद का प्रयोग करेंगे. साथ ही इसे व्यवसायिक तौर पर अपनायेंगे. इससे रसायनिक उर्वरकों के अभाव एवं उसके दुष्प्रभावों से छूटकारा मिलेगी. इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, कैल्सियम, आयरन समेत सभी सुक्ष्म पोषक तत्वों की मौजूदगी से लागत में कमी आयेगी और मुनाफा भी अधिक होगी. अनाजों में पोषक तत्व भी भरपूर होंगे. इससे मिट्टी, मनुष्य और फसलें भी स्वस्थ होंगे. इस मौके पर राजीव कुमार , शिशुपाल कुमार , सुरज कुमार , सुधांशु कुमार, रामचंद्र सिंह समेत दर्जनों लोग मौजूद थे.

नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फॉर्मिंग प्रोग्राम ला रहा रंग

आत्मा नालंदा के परियोजना उप निदेशक सह विपणन पदाधिकारी अविनाश कुमार ने जिलेभर में नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फॉर्मिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है़ इस प्रोग्राम के तहत किसान प्राकृतिक तरीके से खेती के लिए गोबर, मिट्टी, खर पतवार, केचुआ समेत कई प्रकार के पदार्थ का उपयोग कर खाद बना रहे हैं और उसका प्रयोग अपने खेतों में कर रहे हैं. गुड़ व गोबर एवं मट्ठा समेत अन्य पदार्थों से निर्मित खाद प्राकृतिक खाद का ही एक प्रकार है.

Also Read: Train News: बिहार से गुजरने वाली ट्रेनों में बड़ा बदलाव, रेलवे ने जल्द ही लॉन्च करेगी ऑटोमेटिक कपलिंग सिस्टम