Vaibhav Suryavanshi: भारतीय क्रिकेट में एक नया तूफान उठता दिखाई दे रहा है, टीम इंडिया को नया युवा सलामी बल्लेबाज मिल गया है. 14 साल के किशोर बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) ने राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए खेलते हुए महज 35 गेंदों में धमाकेदार 100 रन बनाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. उनकी इस तूफानी पारी ने न केवल दर्शकों को रोमांचित कर दिया, बल्कि क्रिकेट विशेषज्ञों को भी उनके प्रतिभाशाली भविष्य की उम्मीद बंधाई है. वैभव आईपीएल (IPL) इतिहास में सबसे तेज शतक जड़ने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं. वह आईपीएल इतिहास में सबसे तेज शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बन गए हैं और ओवरऑल दूसरे बल्लेबाज बल्लेबाज बने हैं. उनसे आगे केवल क्रिस गेल हैं, जिन्होंने 30 गेंद पर शतक जड़ा है. Vaibhav Suryavanshi Jai ho Bihar pride 100 runs in 35 balls Storm of cricket
पिता ने बेटे के लिए बेच दी पुश्तैनी जमीन
वैभव का क्रिकेट का सफर आसान नहीं रहा. मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले वैभव के सपनों को साकार करने के लिए उनके पिता ने भारी बलिदान दिया. आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने अपने बेटे के क्रिकेट करियर को संवारने के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी. यह निर्णय भावनात्मक रूप से भी कठिन था, लेकिन बेटे की प्रतिभा और जुनून ने उन्हें यह बड़ा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया. वैभव ने अपनी पारी में चौकों और छक्कों की बरसात कर दी. उन्होंने 7 चौके और 11 छक्के लगाकर विपक्षी गेंदबाजों की कमर तोड़ दी.
Who said records are only for the big names? 😉
Vaibhav Suryavanshi, at 1⃣4⃣, is now among the elites of #TATAIPL 🫡#RRvGT pic.twitter.com/IY86O9g4pX
— IndianPremierLeague (@IPL) April 28, 2025
शतक जड़ने के बाद क्या बोले वैभव सूर्यवंशी
उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी ने मैदान पर मौजूद दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी सोशल मीडिया पर उनकी सराहना की और उन्हें भविष्य का स्टार बताया. मैच के बाद वैभव ने कहा, ‘यह बहुत अच्छा अहसास है. यह आईपीएल में मेरा पहला शतक है और यह मेरी तीसरी पारी है. टूर्नामेंट से पहले अभ्यास के बाद यहां परिणाम दिखा है. मैं बस गेंद देखता हूं और खेलता हूं. जायसवाल के साथ बल्लेबाजी करना अच्छा है, वह मुझे बताते हैं कि क्या करना है और वह सकारात्मक चीजों को शामिल करते हैं. आईपीएल में शतक बनाना मेरा सपना रहा है और आज यह सच हो गया. कोई डर नहीं है. मैं ज्यादा नहीं सोचता, मैं सिर्फ खेलने पर ध्यान केंद्रित करता हूं.’ Vaibhav Suryavanshi Century
पिता के बलिदान को किया याद
कुछ दिन पहले अपने पिता के बलिदान को याद करते हुए वैभव ने कहा था, ‘मेरे पिता का बलिदान मेरे लिए प्रेरणा है. जब भी मैं मैदान पर उतरता हूं, तो उनके सपनों को पूरा करने का जज्बा मेरे अंदर दोगुनी ताकत भर देता है.’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी अगली कोशिश राज्य स्तरीय टीम में जगह बनाकर अपने पिता का सपना पूरा करने की होगी. वैभव की इस शानदार उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है, जो सीमित साधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं. उनकी कहानी यह साबित करती है कि यदि सच्ची मेहनत और परिवार का समर्थन हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती.
हैरत में पूरा क्रिकेट जगत
अब पूरा क्रिकेट जगत इस होनहार बल्लेबाज की अगली पारी का इंतजार कर रहा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि वैभव सूर्यवंशी आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट के क्षितिज पर किस तरह चमकेंगे. एक बात लगभग तय हो गई है कि आईपीएल में उनका प्रदर्शन उन्हें देश के लिए खेलने का मौका जरूर देगा. इस धाकड़ बल्लेबाज की टी20 क्रिकेट में भी इंट्री होनी लगभग तय है. बिहार के इस सपूत ने दिखा दिया है कि सफलता के सोपान पर कैसे पहुंचा जाता है.
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