Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 पर्यटकों के मारे जाने को लेकर देश में गुस्सा है. अधिकांश राजनीतिक दल इस हमले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग केंद्र सरकार से कर रहे हैं. इस बाबत गुरुवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गयी. साथ ही इस कायरतापूर्ण हमले के खिलाफ शांति और एकजुटता की अपील की गयी. बैठक में पारित प्रस्ताव में पहलगाम आतंकी हमले के लिए सुरक्षा चूक की जांच कराने और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने की उठायी और हमले में मारे गए परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जाहिर करते हुए कहा कि पीड़ा की इस घड़ी में पार्टी मजबूती के साथ खड़ी है.
पाकिस्तान में रची गयी इस कायराना और सुनियोजित आतंकी हमला देश के जनतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है. हिंदू नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाकर आतंकियों ने पूरे देश में भावनाएं भड़काने की एक सोची-समझी साजिश रचने का काम किया है. लेकिन उनकी यह साजिश कभी सफल नहीं होने वाली है. पार्टी के प्रस्ताव में कहा गया कि इस गंभीर उकसावे के बावजूद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं. सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और एकता के साथ लड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता जगजाहिर है.
सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों पर हो कार्रवाई
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा गया कि पहलगाम एक अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, जहां त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है. ऐसे में यह जरूरी है कि केंद्र शासित प्रदेश में हुए ऐसे जघन्य हमले को लेकर हुई खुफिया विफलताओं और सुरक्षा चूक की व्यापक और गहन जांच होनी चाहिए. जनहित में यह मुद्दा उठाना जरूरी है. पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए सुरक्षा चूक में कमी के लिए दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. पार्टी के प्रस्ताव में कहा गया कि पवित्र अमरनाथ यात्रा जल्द शुरू होने वाली है. इस यात्रा में देश के लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के तौर पर लिया जाना चाहिए और किसी संभावित हमले से बचने के लिए ठोस पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा उपाय तुरंत लागू होना चाहिए. पार्टी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए पर्यटन का काफी महत्व है.
स्थानीय लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन पर्यटन है. ऐसे में सरकार को हमले के बाद स्थानीय लोगों की आजीविका सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए. जम्मू-कश्मीर के लोग इस आतंकी हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और पूरा देश उनके साथ खड़ा है. सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि इस आतंकी हमले के बाद समाज के बीच वैमनस्य फैलाने की कोशिश पर ठोस कदम उठाए.