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डेटा निर्माता और डेटा उपयोगकर्ता के बीच संवाद जरूरी



Data Users Conference: भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय  के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) डेटा उपयोगकर्ताओं और अन्य हितधारकों के साथ संबंधों को मजबूत करने के अपने निरंतर प्रयासों के अनुरूप, इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान (आईजीआईडीआर) के सहयोग से डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. यह सम्मेलन डेटा निर्माताओं और डेटा उपयोगकर्ताओं के बीच संवाद को बढ़ावा देने, ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और क्षेत्र में नवीनतम विकास पर चर्चा करने के लिए आगामी सोमवार को मुंबई में आयोजित किया जा रहा है.

इस सम्मेलन में मुख्य रूप से सर्वेक्षणों में अपनाई गई नमूना पद्धतियां, घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण, एचसीईएस 2023-24) के नवीनतम परिणामों की जानकारी, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में वर्तमान में हुए परिवर्तन, सकल घरेलू उत्‍पादन (जीडीपी) का संकलन और उसके आधार में बदलाव, उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई) के आधार अद्यतनीकरण की प्रमुख पहल आदि पर विचार-विमर्श किया जायेगा.सम्मेलन का उद्देश्य उभरती हुई पद्धतियों, सर्वेक्षण प्रणालियों और नीति निर्माण तथा अनुसंधान में आधिकारिक सांख्यिकी की प्रासंगिकता पर संवाद को बढ़ावा देना है, तथा देश के सांख्यिकीय व्यवस्था में सुधार के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है.

साक्ष्य आधारित नीति निर्माण और प्रभावी शासन के आधार 

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) रोजगार और बेरोजगारी, उपभोग व्यय और औद्योगिक सांख्यिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रमुख आर्थिक संकेतों के लिए बड़े पैमाने पर नमूना सर्वेक्षण करता है. यह राष्ट्रीय खातों और मूल्य सूचकांकों सहित आवश्यक व्यापक आर्थिक संकेतक भी तैयार करता है. ये डेटा भारत में साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण और प्रभावी शासन का आधार होते हैं.  डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन की अध्यक्षता सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग करेंगे.

प्रधानमंत्री की ईएसी के सदस्य और यूआईडीएआई के अध्यक्ष डॉ. नीलकंठ मिश्रा, आईजीआईडीआर के निदेशक प्रोफेसर बसंत कुमार प्रधान, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) की महानिदेशक सुश्री गीता सिंह राठौर और केंद्रीय सांख्यिकी (सीएस) के महानिदेशक  एनके संतोषी सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे और अपने विचार साझा करेंगे. इस कार्यक्रम में लगभग 250 प्रतिभागी भाग लेंगे जिनमें शोधकर्ता, शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, औद्योगिक संघ, नीति निर्माता, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, निजी सर्वेक्षण एजेंसियां, साथ ही शिक्षा जगत और मीडिया के प्रतिष्ठित संस्थान शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) और तकनीकी समितियों के विशेषज्ञ और सदस्य भी मौजूद रहेंगे.

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण पर तकनीकी सत्र नमूनाकरण डिजाइन, गुणकों की गणना और एनएसएस घरेलू सर्वेक्षणों में मापदंडों के अनुमान का अवलोकन प्रदान करेंगे. सत्र में 2022-23 और 2023-24 के लिए घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण के प्रमुख सबक भी बताए जाएंगे. इसमें नवीनतम डेटा से प्राप्त गहन विश्लेषण भी शामिल होगा. इसी पर आगे एक पैनल चर्चा होगी. इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं की समझ बढ़ाने और व्याख्या में स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) पद्धति में हाल के बदलावों को प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं दूसरे भाग में जीडीपी का मापन और जीडीपी आधार संशोधन – डेटा स्रोत, जीडीपी के संकलन की पद्वति, क्षेत्रवार डेटाबेस, मापन के मुद्दे, आधार संशोधन में प्रस्तावित सुधार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आदि पर चर्चा की जायेगी.