अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी टैरिफ नीतियों से कई देशों के दुश्मन बन गए हैं। खासकर चीन के साथ अमेरिका का तनाव खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। ट्रंप की नीतियों की अमेरिका में भी आलोचना हो रही है। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह जो कर रहे हैं, वो देश और देशवासियों के हित में है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि टैरिफ से देशवासियों को इनकम टैक्स से मुक्ति का रास्ता खुल सकता है।
अपने लोगों को बनायेंगे अमीर
डोनाल्ड ट्रंप की योजना यूएस में इनकम टैक्स व्यवस्था खत्म करके पुरानी टैरिफ व्यवस्था को अमल में लाने की है। उनका कहना है कि हमें अपने लोगों पर टैक्स लगाकर दूसरे देशों को समृद्ध करने के बजाए विदेशी सामान पर टैरिफ लगाकर अपने लोगों को अमीर बनाना है। ट्रंप मानते हैं कि अब समय उस व्यवस्था पर लौटने का आ गया है, जिसने अमेरिका को अमीर और ताकतवर बनाया। बीते कुछ दिनों में ट्रंप ने जो फैसले लिए हैं, वह उनकी इस योजना से काफी मेल खाते हैं।
पहले नहीं था इनकम टैक्स
ट्रंप ने फॉक्स नोटिशियस के साथ बातचीत में कहा कि हम टैरिफ से इनकम टैक्स को रिप्लेस कर सकते हैं। इसकी संभावना अधिक है कि हम टैरिफ से इतना धन जुटा पाएं कि यह आयकर की जगह ले सके। उन्होंने आगे कहा कि पहले हम इनकम टैक्स नहीं लगाते थे। यह व्यवस्था 1913 में आई। अब हमें पुरानी व्यवस्था पर लौटना होगा। हमें अपने लोगों पर टैक्स लगाकर दूसरे देशों को समृद्ध करने के बजाए विदेशी सामान पर टैरिफ लगाकर अपने लोगों को अमीर बनाना चाहिए।
टैरिफ से कमाई भी बताई
डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ से अमेरिका को होने वाली कमाई के बारे में कहा कि हम प्रतिदिन दो अरब से तीन अरब डॉलर कमा रहे थे। हमने कभी इतना पैसा नहीं कमाया। ट्रंप पहले भी कई बार इनकम टैक्स खत्म करने की अपनी इच्छा दर्शा चुके हैं। कुछ वक्त पहले वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप का लक्ष्य इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS) को खत्म करना है, जो इनकम टैक्स कलेक्ट करने वाला अमेरिकी विभाग है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने एक्सटर्नल रेवेन्यु सर्विस (ERS) की घोषणा की है और उनका लक्ष्य बहुत सरल है – इंटरनल रेवेन्यू सर्विस को समाप्त करना और सभी बाहरी लोगों से वसूल करना।
लगातार स्पष्ट किए इरादे
डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल जनवरी में एक्सटर्नल रेवेन्यू सर्विस की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा था कि यह एजेंसी विदेशी देशों से टैरिफ और अन्य रेवेन्यू एकत्र करने के लिए जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा था कि हम बहुत लंबे समय से आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) का उपयोग करके अपने लोगों पर टैक्स लगा रहे हैं। अब इसे बदलने का समय है। इसके बाद मार्च में आयोजित रिपब्लिकन सम्मेलन में उन्होंने फिर अपने इरादे स्पष्ट किए थे। प्रेसिडेंट ट्रंप ने कहा था कि पहले हम इनकम टैक्स नहीं लगाते थे और अब हमें पुरानी व्यवस्था पर लौटना होगा। हमें अपने लोगों पर टैक्स लगाकर दूसरे देशों को समृद्ध करने के बजाए विदेशी सामान पर टैरिफ लगाकर अपने लोगों को अमीर बनाना चाहिए।
इनकम टैक्स का खात्मा संभव है?
डोनाल्ड ट्रंप भले ही टैरिफ से इनकम टैक्स को खत्म करने की चाहत रखते हों, लेकिन विशेषज्ञों को नहीं लगता कि मौजूदा समय में ऐसा मुमकिन है। टैक्स फाउंडेशन के वरिष्ठ अर्थशास्त्री एलेक्स डुरेंटे का मानना है कि यह प्रस्ताव वास्तविकता से दूर है। उन्होंने कहा कि 19वीं सदी के दौरान टैरिफ फेडरल रेवेन्यू का एक प्रमुख स्रोत थे, लेकिन तब से अब तक अमेरिकी खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। टैक्स फाउंडेशन के विश्लेषण के अनुसार, 2023 में अमेरिकी फेडरल सरकार ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 22.7% खर्च किया, यह उस दौर की अर्थव्यवस्था का लगभग 10 गुना है जब टैरिफ ही रेवेन्यू का प्राथमिक स्रोत था। डुरेंटे ने कहा कि 19वीं सदी के टैक्स सिस्टम से 21वीं सदी का सरकारी खर्च नहीं किया जा सकता।
…तो 200% टैरिफ होगा जरूरी
वहीं, अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट के मुख्य अर्थशास्त्री टॉर्स्टन स्लोक का कहना है कि अगर आयकर की जगह टैरिफ व्यवस्था को अमल में लाना है तो सभी आयातित वस्तुओं पर कम से कम 200% तक टैरिफ लगाना पड़ सकता है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप को घर में ही टैरिफ नीतियों को लेकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसी के मद्देनजर उन्होंने नए टैरिफ पर 90 दिनों की राहत दी है और टैरिफ में कटौती के संकेत दिए हैं, ऐसे में सभी आयातित वस्तुओं पर 200% टैरिफ मुश्किल ही नजर आता है। कुल मिलाकर कहें तो एक्सपर्ट्स को नहीं लगता कि ट्रंप की इनकम टैक्स खत्म करने की योजना में दम है।
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Apr 17, 2025 09:48
Edited By
Neeraj