China GDP Growth: अमेरिका और चीन के बीच चल रही व्यापारिक तनातनी के बीच एक दिलचस्प तथ्य सामने आया है. अमेरिका ने चीन पर 145 फीसदी तक का आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया है, लेकिन इसके बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था ने 2025 की पहली तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. जनवरी से मार्च के बीच चीन की GDP ग्रोथ 5.4 फीसदी रही, जो कि बाजार के अनुमान 5.1 फीसदी से अधिक है. यह ग्रोथ ऐसे समय में आई है जब वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिका की ओर से टैरिफ बढ़ाने की प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हुई है, जिसका मतलब है कि इसका असर पहली तिमाही के आंकड़ों में दिखाई नहीं दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असली प्रभाव दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से जून के नतीजों में दिखेगा. ऐसे में सभी की नजर अब चीन की अगली तिमाही की ग्रोथ रिपोर्ट पर टिकी है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन ने 2 अप्रैल से चीन के खिलाफ कड़े व्यापारिक कदम उठाए हैं. इसके तहत अब तक 145 फीसदी तक का टैरिफ लगाया जा चुका है. जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर 125 फीसदी का कर लगा दिया है. हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने भारत और अन्य देशों के साथ फिलहाल 90 दिनों तक टैरिफ को रोकने का निर्णय लिया है ताकि बातचीत से कोई समाधान निकाला जा सके. लेकिन चीन के मामले में अमेरिका का रुख अब भी बेहद सख्त बना हुआ है.
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चीन, भारत और जापान को एशियाई अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. ऐसे में चीन की पहली तिमाही में बेहतर ग्रोथ एशिया और विश्व के लिए राहत की खबर है. मगर यह ग्रोथ कितनी टिकाऊ है, यह आने वाली तिमाहियों में स्पष्ट होगा. विशेषज्ञ शु तियानचेन का मानना है कि आमतौर पर साल की पहली तिमाही में चीन की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, लेकिन बाद में थोड़ी सुस्ती आ जाती है. इस बार तो अमेरिकी टैरिफ अटैक की वजह से चुनौतियां और बढ़ गई हैं.
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चीन की सरकार ने संभावित आर्थिक दबाव को देखते हुए घरेलू खपत को प्रोत्साहन देने के उपाय किए हैं. इसके तहत निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बनाने, छोटे व्यवसायों को सहयोग देने और नौकरियों को बचाने के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की गई है. खास तौर पर एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर टैरिफ का प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे रोजगार पर असर हो सकता है. इसलिए सरकार का मुख्य फोकस फिलहाल मांग को बनाए रखने और महंगाई को काबू में रखने पर है.
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जुलाई में जब दूसरी तिमाही के आंकड़े सामने आएंगे, तब यह साफ हो पाएगा कि अमेरिकी टैरिफ का चीन की अर्थव्यवस्था पर कितना गहरा प्रभाव पड़ा है. फिलहाल के लिए चीन की पहली तिमाही की मजबूत ग्रोथ वैश्विक निवेशकों और एशियाई बाजारों के लिए सकारात्मक संकेत जरूर है.
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