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बिहार में कुल 94 शत्रु संपदा, समस्तीपुर में 54 सर्वाधिक,जमाबंदी सिर्फ 19 की ही



संवाददाता,पटना

देशभर में शत्रु संपदा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से जानकारी मांगी है. राज्यों से कहा गया है कि शत्रु संपत्ति जहां भी है उसकी पहचान कर कब्जे में लें और उसकी जमाबंदी कायम करें.बिहार में कुल 94 शत्रु संपदा घोषित है.प्लॉट की संख्या के हिसाब से राज्य में सबसे अधिक शत्रु संपत्ति समस्तीपुर जिला में है. वहां कुल 54 जमीन की प्लॉट हैं.जहां तक रकबा का हिसाब से है तो सबसे अधिक रकबा खगड़िया जिला में है. खगड़िया में आठ बीघा 15 धुर जमीन है. राज्य में अभी तक महज 19 प्लॉट की ही जमाबंदी कायम हो सकी है.अभी 75 प्लॉट की जमाबंदी बाकी है. इसके लिए गठित जिलास्तरीय मूल्यांकन समिति द्वारा इसका मूल्यांकन किया जा रहा है.सभी जिलों के समाहर्ता को पदेन डिप्टी कस्टोडियन (डीसीइपी), एसडीएम को सहायक कस्टोडियन (एसीइपी) और तहसीलदार या इसके समकक्ष को इंस्पेक्टर (आइइपी) बनाया गया है.

गया में घोषित सभी शत्रु संपदा का किया गया जमाबंदी

राज्य में गया में घोषित आठ शत्रु संपदा में से सभी की जमाबंदी कर दी गयी है.कटिहार में भी 17 शत्रु संपदा में से सात की जमाबंदी कर दी गई है.सबसे अधिक ऐसी संपत्ति समस्तीपुर में है.वहां 54 में से महज चार का ही दाखिल-खारिज की गयी है.इसके अलावा खगड़िया, मुजफ्फरपुर, पटना में एक भी शत्रु संपदा की दाखिल-खारिज नहीं हो सकी है.

क्या है शत्रु संपदा

शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 के अनुसार शत्रु संपदा पर भारत सरकार का अधिकार होगा. पाकिस्तान से 1965 में हुए युद्ध के बाद 1968 में शत्रु संपत्ति (संरक्षण एवं पंजीकरण) अधिनियम पारित हुआ था. इस अधिनियम के अनुसार जो लोग 1947 के बंटवारे या 1965 में और 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली थी, उनकी सारी संपत्ति ””””””””शत्रु संपत्ति”””””””” घोषित कर दी गयी.चीन से 1962 के युद्ध के बाद भी इस देश की नागरिकता लेने वालों की संपत्ति भी शत्रु संपदा घोषित हो गयी.

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