Solar Flare: बीते साढ़े चार अरब साल से ज्यादा समय से सूर्य दहक रहा है. इसके केंद्र का तापमान लाखों डिग्री सेल्सियस है जबकि सूर्य की सतह का तापमान 5500 डिग्री सेल्सियस है. वहीं नासा के मुताबिक पूरे सूर्य का तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है. सूरज से हर समय सोलर फ्लेयर भी निकलता रहता है. नासा ने कुछ समय पहले ऐसे ही एक सोलर फ्लेयर को कैप्चर किया है. सोशल मीडिया में इसका वीडियो तेजी से वायरल भी हो रहा है.
सोलर फ्लेयर का धरती पर पड़ता है प्रभाव
सूर्य से निकलने वाले सोलर फ्लेयर का खासा प्रभात धरती पर भी पड़ता है. नासा के मुताबिक बीते साल यानी 2024 के अक्टूबर महीने में आया सोलर फ्लेयर काफी ताकतवर था. नासा की सोलर डायनामिक्स ऑब्जर्वेटरी ने 2024 में सूर्य की सतह पर X9-क्लास के सोलर फ्लेयर की तस्वीर कैप्चर की थी. सोलर फ्लेयर का असर धरती पर काफी पड़ता है. इसके कारण रेडियो कम्युनिकेशन और पावर ग्रिड प्रभावित हो सकते हैं.
क्या होता है सोलर फ्लेयर
सूर्य हमेशा धधकता रहता है. इसके अंदर नाभिकीय प्रतिक्रिया होती है, जिसे परमाणु संलयन प्रक्रिया कहते हैं. सूर्य के अंदर हीलियम और हाइड्रोजन गैस है. हाइड्रोजन परमाणु आपस में जुड़कर हीलियम बनाते हैं, और इस प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है. इसके ही सौर ऊर्जा कहते हैं. इसी दौरान सूरज में लगातार विस्फोट होते हैं. विस्फोट के कारण कभी-कभी लपट छिटकर दूर तक निकल आती है. इसे सोलर फ्लेयर कहा जाता है.
पृथ्वी से कई गुणा लंबी हो सकती है सोलर फ्लेयर
वीडियो में जिस सोलर फ्लेयर को देख रहे हैं वो साइज में इतनी बड़ी है कि उसमें एक के ऊपर एक कर 8 से 10 पृथ्वी रखें तब भी सोलर फ्लेयर में कुछ जगह खाली रहेगी. नासा ने सोलर फ्लेयर को कई श्रेणियों में बांटा है. जिसमें बी, सी, एम और एक्स शामिल है. इनमें बी श्रेणी का फ्लेयर सबसे कम और X श्रेणी का फ्लेयर सबसे ताकतवर होता है.