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टैरिफ पर ट्रंप के बदले मिजाज के क्या मायने? चीन पर सख्ती, बाकी देशों को राहत


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब क्या कर जाएं, कोई नहीं जानता। एक तरफ जहां उन्होंने नए टैरिफ पर 90 दिनों की राहत दी। वहीं, चीन के खिलाफ तेवर कड़े करते हुए टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया। ट्रंप के ये दोनों ही फैसले चौंकाने वाले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने 56 देशों और यूरोपीय संघ पर हाई टैरिफ लागू होने के लगभग 13 घंटे बाद ऐलान किया कि नए टैरिफ पर 90 दिनों तक रोक रहेगी। जबकि पहले उन्होंने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए थे। इसी तरह, एक ही झटके में चीन पर टैरिफ को 104% से बढ़ाकर सीधा 125% कर दिया।

दबाव में हैं डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि नए टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोका जा रहा है। हालांकि, चीन को यह राहत नहीं मिलेगी, बल्कि अब उससे 125% टैरिफ वसूला जाएगा। ब्लूमबर्ग के अनुसार, ट्रंप पर बिजनेस लीडर्स और निवेशकों का दबाव था। बिजनेस लीडर्स ने अर्थवयवस्था को संभावित नुकसान का हवाला देते हुए ट्रंप से अपनी टैरिफ नीतियों में बदलाव की मांग की है। अमेरिका के कई दिग्गज निवेशक ट्रंप की नीतियों से नाखुशी जाहिर कर चुके थे। इस वजह से उन्होंने 90 दिनों की राहत का ऐलान किया है। व्हाइट हाउस में जब डोनाल्ड ट्रंप के अपने कदम वापस खींचने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे (देश) थोड़े चिड़चिड़े हो रहे थे, थोड़े डरे हुए थे।

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चीन पर इसलिए सख्ती

चीन के खिलाफ सख्ती को जरूरी बताते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दूसरे देश जहां जवाबी कार्रवाई के बजाए आपसी बातचीत से इस मुद्दे को सुलझाना चाहते हैं। वहीं, चीन टकराव को जन्म दे रहा है। उन्होंने आगे कहा कि चीन ने दुनिया के बाजारों के प्रति सम्मान की जो कमी दिखाई है, उसके आधार पर मैं चीन पर लगाए जाने वाले टैरिफ को तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 125% कर रहा हूं। ट्रंप ने कहा कि उम्मीद है कि निकट भविष्य में चीन को अहसास होगा कि अमेरिका और अन्य देशों को लूटने के दिन अब स्वीकार्य नहीं हैं।

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बातचीत की संभावनाएं खत्म

जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ में पांच बार वृद्धि की है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के पहले टैरिफ के बाद जब चीन ने जवाबी कार्रवाई की, तब दोनों देशों के पास इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाने का मौका था, लेकिन ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाकर सभी संभावनाओं को खत्म कर दिया। अमेरिका के 104% टैरिफ के जवाब में जब चीन ने यूएस इम्पोर्ट पर टैरिफ को 84% किया, तो ट्रंप ने चीन से आने वाले समान पर टैरिफ सीधे 125% कर दिया। अब दोनों देशों के बीच बातचीत की सभी संभावनाएं समाप्त हो गई हैं।

अमेरिकी कंपनियों पर एक्शन

दोनों देशों के बीच आर्थिक तनाव के बीच चीन ने अपने नागरिकों को अमेरिका की यात्रा करने से पहले जोखिमों का आकलन करने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही उसने अमेरिका की 12 कंपनियों को अपनी एक्सपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में डाला है। जबकि 6 अमेरिकी कंपनियों को अविश्वसनीय संस्थाओं की सूचि में शामिल करने का ऐलान किया है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि इन अमेरिकी कंपनियों पर ताइवान को हथियार बेचने या फिर उससे सैन्य तकनीकी सहयोग का आरोप है।

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Current Version

Apr 10, 2025 09:57

Edited By

Neeraj