Bihar Land Survey: पटना. बिहार सरकार रैयतों को परेशानियों से बचाने के लिए ऑनलाइन सेवाओं का लाभ दे रही है, लेकिन ऑनलाइन सेवा ने रैयतों का सिर दर्द बढ़ा दिया है. विभाग के अधिकारी ऑनलाइन आवेदन को ऐसे रद्द कर रहे हैं कि रैयत दोबारा यह सेवा का उपयोग शायद ही करे. ऑनलाइन आवेदन करने बाद रैयतों को कार्यालयों के और चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करना रैयतों के लिए अपराध बन चुका है. अधिकारी ऐसे रैयतों को और परेशान कर रहे हैं, उनका आवेदन बिना कारण बताये एक के बाद एक रद्द कर दे रहे हैं.
99 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निष्पादन
विभागीय सूत्रों के अनुसार सीवान जिले में 99 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निष्पादन हुआ, लेकिन अधिकतर आवेदन रद्द कर दिए गए. कुल 330373 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से अधिकतर खारिज हो गए. ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठाने की कोशिश में जुटे रैयतों को सबसे ज्यादा परेशानी अंचलों में दाखिल-खारिज कराने में हो रही है. सीवान जिले में दाखिल खारिज के लिए प्राप्त आनलाइन आवेदनों का निष्पादन 99 प्रतिशत से अधिक हुआ है, लेकिन अधिकतर आवेदन रद्द कर दिए गए हैं. रैयतों को बिना उनका पक्ष सुने आवेदन रद्द करने की जानकारी दी जा रही है.
निष्पादन के नाम पर हो रहा खेला
विभागीय अधिकारी भी मानते हैं कि ऊपर से निष्पादनों को तेज करने के आदेश आने के बाद भारी संख्या में ऑनलाइन आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया गया है. जिला राजस्व विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सीवान जिले के सभी 19 अंचलों में दाखिल-खारिज के कुल तीन लाख 30 हजार 373 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से दो लाख आठ हजार 509 मामलों को निष्पादित कर दिया गया है, जबकि एक लाख 18 हजार 901 आवेदनों को विभिन्न कारणों से अस्वीकृत कर दिया गया है. वहीं दो हजार 963 मामले विभिन्न स्तर पर लंबित हैं. ऑनलाइन आवेदन करनेवाले रैयत अब आफ लाइन आवेदन करनेवाले रैयतों के मुकाबले सरकारी कार्यालय के अधिक चक्कर लगा रहे हैं.
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