Tristan da Cunha: ट्रिस्टन दा कुन्हा एक द्वीपसमूह है जो दक्षिण अटलांटिक महासागर में स्थित है. यह एक अद्वितीय और एकांत द्वीपों का समूह है जिसकी खोज पुर्तगाली खोजकर्ता ट्रिस्टाओ दा कुन्हा ने 1506 में की थी. यह द्वीपसमूह दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से लगभग 2,787 किलोमीटर दूर स्थित है और चारों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है. इसका स्थान इतना दूरस्थ और कठिन है कि इसे “दुनिया का सबसे अलग-थलग द्वीप” कहा जाता है. कई शताब्दियों तक यह द्वीप निर्जन रहा और आज भी इसकी आबादी मात्र 234 है.
प्राकृतिक सौन्दर्य से बहरपुर है ट्रिस्टन दा कुन्हा
ट्रिस्टन दा कुन्हा द्वीपसमूह का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता इसे एक खास स्थान बनाते हैं. यहां के ज्वालामुखीय द्वीपों पर अद्वितीय वनस्पतियां और जीव पाए जाते हैं. इस द्वीप पर मिलने वाली मेगाहर्ब्स जैसी दुर्लभ पौधों की प्रजातियां इसे वन्यजीव प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक स्वर्ग के समान बनाती हैं. इसके अलावा, यहां के समुद्री जीवन और पक्षियों का अध्ययन करने के लिए शोधकर्ता आते हैं, क्योंकि यह स्थान जैव विविधता का खजाना है.
1816 में, जब ब्रिटिश सैनिकों का एक समूह कुछ नागरिकों के साथ यहां आया, तो इस द्वीप की मानव बस्ति शुरू हुई. माना जाता है कि ब्रिटिश सैनिक सेंट हेलेना से नेपोलियन बोनापार्ट के बचाव को रोकने के लिए यहां बसे थे. ट्रिस्टन दा कुन्हा पर पहुंचने के लिए सबसे निकटतम संपर्क प्वाइंट दक्षिण अफ्रीका है लेकिन इस तक पहुंचने की यात्रा कठिन और जोखिमपूर्ण है. इन द्वीपों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और जैविक विविधता इसे दुनिया के सबसे विशेष स्थानों में से एक बनाती है.
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