भारतीय शेयर बाजार एक ही झटके में ट्रंप टैरिफ के खौफ से बाहर आ गया है। कल जहां मार्केट में बड़ी गिरावट दर्ज हुई थी। वहीं, आज हमारा बाजार सरपट दौड़ता नजर आया। मार्केट खुलने के साथ ही सेंसेक्स और निफ्टी मजबूती हासिल करने में कामयाब रहे और आखिरी तक उन्होंने इसे बरकरार रखा। इस तरह, मार्केट के हाल को लेकर आशंकित निवेशकों के चेहरे पर एक बार फिर से मुस्कान लौट आई।
ऐसा रहा बाजार का हाल
क्लोजिंग बेल बजने पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1089.18 अंकों की बढ़त के साथ 74,227.08 पर बंद हुआ। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 374.25 अंकों की उछाल के साथ 22,535.85 पर पहुंच गया। सेंसेक्स के शेयरों में टाटा समूह की टाइटन कंपनी टॉप गेनर रही। इसी तरह, अडानी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी और टाटा स्टील भी अच्छी बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे। पावर ग्रिड में जरूर इस दौरान मामूली गिरावट देखी गई।
हर तरफ दिखी हरियाली
अलग-अलग सेक्टर्स के प्रदर्शन की बात करें, तो निफ्टी मेटल इंडेक्स, फार्मा इंडेक्स, आईटी इंडेक्स और ऑटो इंडेक्स सहित लगभग सभी सेक्टर्स हरे रंग में नजर आए। निफ्टी स्मॉलकैप और लार्गकैप इंडेक्स में भी बढ़त दर्ज हुई। स्मॉलकैप 250 इंडेक्स जहां 2% प्रतिशत से अधिक की बढ़त हासिल करने में सफल रहा। वहीं, लार्गकैप 250 इंडेक्स में करीब 2% की मजबूती आई। सोमवार की गिरावट में इन सभी इंडेक्स के बुरे हाल थे।
इस वजह से बदला मूड
हमारे मार्केट में आज की तेजी की प्रमुख वजह ग्लोबल मार्केट्स से मिले पॉजिटिव संकेत हैं। अमेरिकी बाजार कल के शुरुआती कारोबार की गिरावट के बाद रिकवरी करने में कामयाब रहे। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (-0.91%) और एसएंडपी (-0.23%) में गिरावट देखने को मिली। नैस्डेक (0.099%) ग्रीन लाइन पर बंद हुआ। जबकि शुरुआत में सभी बड़ी गिरावट का सामना कर रहे थे। इसके बाद आज एशियाई बाजारों की शुरुआत भी अच्छी रही। जापान का निक्केई इंडेक्स करीब 6% की बढ़त के खुला। ऐसे ही दक्षिण कोरिया, हांगकांग और चीन के बाजार में भी उछाल आया।
अब समाधान पर जोर
इसके अलावा, टैरिफ वॉर के सीमित प्रभाव की संभावना ने भी बाजार का सेंटीमेंट मजबूत किया है। दरअसल, पहले माना जा रहा था कि चीन की तरह यूरोपीय यूनियन और बाकी देश भी डोनाल्ड ट्रंप को उन्हीं की भाषा में जवाब दे सकते हैं, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। कई देश अमेरिका के साथ बातचीत से मुद्दा सुलझाना चाहते हैं। अमेरिका का दावा है कि 50 देशों ने उससे बातचीत में दिलचस्पी दिखाई है। इस वजह से ट्रेड वॉर केवल अमेरिका और चीन तक ही सीमित रहने की उम्मीद है।
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Apr 08, 2025 15:51
Edited By
Neeraj