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पड़पड़गंज से क्यों कटा मनीष सिसोदिया का टिकट? क्या है इसके पीछे का सियासी मायने



Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपने सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इस बार के सीट बंटवारे में सबसे रोचक बात ये रही कि मनीष सिसोदिया क पड़पड़गंज से टिकट काट दिया गया है. सबके मन में ये साल हो रहा होगा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? आइए आज आपको इसके पीछे का सियासी मायने समझाते हैं.

पिछली बार कम अंतर से जीते थे मनीष सिसोदिया

पड़पड़गंज विधानसभा सीट को आम आदमी पार्टी का गढ़ माना जाता था जहां वो लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे. 2013 में मनीष सिसोदिया ने इस सीट से 13 हज़ार से अधिक वोटों से जीते थे जबकि यह आंकड़ा 2015 आते आते और बढ़ गई और इस बार यह आंकड़ा 28 हज़ार से अधिक पर पहुंच गई थी. लेकिन 2020 के चुनाव में मनीष सिसोदिया के लिए यह सीट बचा पाना बहुत मुश्किल हो गया था, और महज 3 हज़ार से अधिक वोटों से ही जीत हासिल हुई थी जिसके बाद आप के लिए ये सीट मुश्किल नज़र रही थी.

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अवध ओझा को क्यों मिला पड़पड़गंज से टिकट?

पड़पड़गंज की सीट पर मनीष सिसोदिया के खिलाफ एंटीइंकम्बेंसी देखी जा रही थी जिसके बाद उनकी सीट को बदल दिया गया. आप ने अवध ओझा को इस सीट से टिकट दिया है. पड़पड़गंज में पूर्वांचल के वोटर्स की संख्या अधिक है और अवध ओझा इसी इलाके से आते हैं. अवध ओझा की लोकप्रियता इन इलाकों में काफी है और साथ अगर जातिगत समीकरण की करें तो इस इलाके में ब्राह्मण वोटर्स में अच्छी संख्या में हैं