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शीतकालीन सत्र को लेकर होगी सर्वदलीय बैठक



Parliament: संसद के शीतकालीन सत्र के सुचारू संचालन को लेकर सरकार ने 24 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जानकारी दी. संसद सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष को विधायी कामकाज की जानकारी देने के लिए सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाता है. इस बैठक का मकसद सदन के सुचारू संचालन में सभी दलों का सहयोग लेना होता है. इस दौरान विपक्ष की ओर से भी सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों से सरकार को वाकिफ कराया जाता है.

वहीं सरकार की ओर से भी जरूरी विषय पर चर्चा या जो बिल पेश की जानी है, उसकी जानकारी दी जाती है. संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होगा और 20 दिसंबर को समाप्त होगा. संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. संसद के शीतकालीन सत्र पर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव परिणामों का असर भी देखा जा सकता है. अगर विपक्ष इन राज्यों में चुनाव जीतने में कामयाब होता है तो वह सरकार के खिलाफ आक्रामक होगा. वहीं अगर सत्ता पक्ष को चुनाव में जीत मिलती है तो विपक्ष की आक्रामकता में कमी आना तय है. 

सत्र हो सकता है हंगामेदार

संसद के शीत सत्र के दौरान में कई विधेयकों पर चर्चा हो सकती है. इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है. संयुक्त संसदीय समिति वक्फ विधेयक पर रिपोर्ट पेश करेगी. समिति में जिस तरह विपक्षी और सत्ता पक्ष के सांसदों में टकराव देखा गया, वैसा ही टकराव विधेयक पर चर्चा के दौरान दिख सकता है. विपक्ष शुरू से ही वक्फ विधेयक का विरोध कर रहा है. इसके अलावा वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक भी पेश होने की संभावना है.

विपक्षी दल वन नेशन वन इलेक्शन का खुलकर विरोध कर रहे हैं. इस विधेयक को पारित कराने के लिए विपक्षी दलों का सहयोग बेहद जरूरी है. क्योंकि इसमें कई संविधान संशोधन होना है. इसके अलावा मणिपुर हिंसा को लेकर भी सदन में हंगामा होने के आसार है. विपक्ष कश्मीर घाटी में बढ़ती आतंकी घटना, भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हुए समझौते को लेकर भी सरकार से सवाल पूछेगा.