क्या सीडीएस की फ्लाइट से पहले भेजे गए थे टोही विमान? अलग-अलग हैं दावे
नई दिल्ली. तमिलनाडु के सुलूर में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य 11 लोगों का निधन हो गया था. उनके हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर भी कई सवाल सामने आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार सुलूर हेलिपैड से सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने से पहले क्या वायुसेना की ओर से उस रूट पर टोही विमान भेजे गए थे, इस पर विरोधाभासी रिपोर्ट सामने आ रही हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सुलूर एयर बेस के एक अफसर ने कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत नीलगिरि के मौसम का अनुमान लगाने के लिए वायुसेना के दो हेलिकॉप्टरों को रूट का स्काउट करने के लिए भेजा गया था. विमानों के खोने की बात पर अफसर ने कहा, ‘हम इस बात को लेकर पक्के नहीं हैं कि क्या ये हेलिकॉप्टर वेलिंगटन हेलिपैड पर उतरे थे या बिना उतरे वापस आए थे.’
वहीं वेलिंगटन के मद्रास रेजिमेंटल सेंटर के वरिष्ठ अफसर का कहना है, ‘चूंकि एमआई-17 वी 5 एक भरोसेमंद हेलिकॉप्टर है, इसलिए वास्तविक तौर पर छोटे हेलिकॉप्टर्स की ओर से कोई भी ट्रायल रन नहीं किया गया था.’ इसके साथ ही वेलिंगटन के जिस डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज सीडीएस लेक्चर देने गए थे, वहां के अफसर ने इस पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
जिस जगह सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था, उस जगह मौजूद चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने वहां कोई भी अन्य हेलिकॉप्टर नहीं देखा था और ना ही उसकी कोई आवाज सुनी थी.
रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में वायुसेना के रिटायर्ड अफसर एस रमेश कुमार का कहना है कि आमतौर पर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के दौरे के समय चार हेलिकॉप्टर मुख्य हेलिकॉप्टर के साथ उड़ते हैं. लेकिन वह इस मामले में पुख्ता नहीं थे कि सीडीएस के एमआई-17 वी 5 हेलिकॉप्टर के वेलिंगटन से उड़ान भरने के पहले किसी हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी थी कि नहीं.
उनका कहना है कि एमआई-17 वी 5 को बहुत ही अनुभव वाले पायलट उड़ा रहे थे. यह हेलिकॉप्टर तकनीकी रूप से भी एडवांस्ड था. मुझे शक है कि इसके दुर्घटनाग्रस्त होने में इंसानी गलती है. ऐसी स्थिति में बादल और कोहरा काफी घना होता है. ऐसी स्थिति में पायलट को कुछ सेकंड में ही निर्णय लेना पड़ता है. यही निर्णय कहीं गलत हुआ होगा.’
अब हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है. ऐसे में क्रैश से पहले क्या हुआ होगा, यह पता चल जाएगा. वहीं एविएशन सेक्योरिटी कंसल्टेंट मोहन रंगनाथन का कहना है कि पर्यटक की ओर से हेलिकॉप्टर का आखिरी समय का वीडियो शूट किया गया था, उसे देखकर मैंने पाया कि उस दिन कोहरे वाला मौसम था और हेलिकॉप्टर काफी नीचे उड़ रहा था. मेरे हिसाब से क्रैश का प्रमुख कारण मौसम था.