फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- हम गांधी का हिंदुस्तान वापस लाना चाहते हैं
नई दिल्ली. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्लाने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा है कि हमने कभी भारत के खिलाफ कोई नारा नहीं लगाया. इसके बावजूद हमें पाकिस्तानी (Pakistani) कहा गया. यही जम्मू में हमें पाकिस्तानी कहा जाता था. मुझे खालिस्तानी भी कहा जाता था. कहा जाता था कि फारूक अब्दुल्ला खालिस्तान से मिले हुए हैं. आज भी न जाने क्या-क्या बातें करते हैं. ये सोचते हैं कि हम डर जाएंगे. हमने वो नमक नहीं खाया जिससे हम डर जाएंगे. हम वो नहीं हैं… हम मुकाबला करेंगे आपका और ईमानदारी से करेंगे. हमने कभी बंदूक नहीं उठाई, कभी ग्रेनेड नहीं उठाया, कभी पत्थर नहीं मारा. हम (महात्मा) गांधी के रास्ते पर चलते हैं और गांधी के हिंदुस्तान को वापस लाना चाहते हैं. सिर्फ गांधी का हिंदुस्तान.
जम्मू में आयोजित एक कार्यक्रम में अब्दुल्ला ने कहा, किसानों के आंदोलन में 750 किसानों की मौत हो गई. जब उन्होंने देखा कि असर पांच राज्यों पर होगा, तो उन्होंने तीन कृषि कानून निरस्त कर दिए. अब्दुल्ला ने कहा कि जब केंद्र संसद में तीन कृषि कानूनों को पारित कर रहा था, तो उन्होंने केंद्र को इस पर बहस करने का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया. एनसी के चेयरमैन ने कहा, ‘हमें वॉकआउट करना पड़ा. वापसी के समय भी हमने बहस की सलाह दी, लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं सुना.’
अब्दुल्ला ने सरकार पर मनमानी करने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा, ‘उन्हें लगता है कि उनके पास इतना बहुमत है, वे कुछ भी कर सकते हैं.’ समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, नगालैंड के मोन जिले में उग्रवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में पहचान में गलती के चलते सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मौत हो गई थी. इस पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘तलाशी लेने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने और भारतीय क्षेत्र में 50 किमी भीतर बीएसएफ को ताकत देना, पंजाब अगला नगालैंड बनेगा. नगालैंड में मासूम मारे गए.’
उन्होंने कहा कि पंजाब में उन्होंने 50 किमी का दायरा बीएसएफ को दे दिया. क्यों? क्या उनकी पुलिस इसे नियंत्रित करने के काबिल नहीं है? उन्होंने कहा कि यहां भी वैसी ही लड़ाई होगी, जैसी आपने नगालैंड में देखी. केंद्र सरकार ने अक्टूबर में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में इजाफा किया था. पहले पंजाब, पश्चिम बंगाल औऱ असम में बीएसएफ 15 किमी तक ही कार्रवाई कर सकती थी. नए फैसले के बाद 50 किमी के दायरे में बगैर केंद्र और राज्य की अनुमति के काम कर सकती हैं.