चीन की मीट मार्किट रही है कई तरह के जानलेवा वायरस की जनक, यहीं से दुनिया में फैली मौत
नई दिल्ली । मच्छर के अंड़े, छिपकली, सांप, कुत्ते का मांस, जिंदा ऑक्टोपस, समेत कई दूसरे सीफूड और जानवरों के मांस चीन के बाजार का वर्षों से हिस्सा रहे हैं। आपको ये जानकर भले ही अजीब लगे लेकिन इन्हें यहां पर बड़े चाव के साथ खाया जाता है। कुत्तों के मांस को लेकर तो यहां पर इनकी चोरी भी बड़ी आम है। लेकिन कहीं न कहीं इन जानवरों का मांस यहां के लिए अभिशाप भी साबित होता रहा है। आपको जानकर ताज्जुब हो सकता है कि कई तरह के नए वायरस पूरी दुनिया में चीन से ही फैले हैं जिनके पीछे वजह जानवरों का मांस ही रहा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन में दुनिया का करीब 50 फीसद पशुधन है। इसका सीधा सा अर्थ है कि यहां के ज्यादातर लोग पशु रखते हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा मांस उत्पादक देश है। इसमें हर तरह का मांस शामिल है। यहां पर मांस की खपत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि चीन में मांस परोसने वाले रेस्तरां की तादाद बीते पांच वर्षों में जबरदस्त तरह से बढ़ी है।
आपको बता दें कि कोरोना ऐसा पहला वायरस नहीं है जो चीन के रास्ते पूरी दुनिया में फैल रहा हो। इससे पहले वर्ष 2002 में चीन के गुआंगडांग में सार्स का वायरस पाया गया था। यहां से निकलने के बाद यह वायरस तेजी से दुनिया के दूसरे देशों में भी फैला और करीब आठ हजार लोग इसके संक्रमण की चपेट में आए थे। इस वायरस ने पूरी दुनिया में करीब 800 लोगों की जान ली थी। दुनिया भर में फैले वायरस को लेकर एक खास जानकारी ये भी है कि दुनिया का अपनी चपेट मे लेने वाले करीब साठ फीसद वायरस पशुओं के ही माध्यम से फैले हैं। बीते 30 वर्ष में करीब तीन नए वायरस का भी शोधकर्ताओं ने पता लगाया है।
वर्ष 2013 में एच 7 एन 9 एवियन का स्रोत भी चीन ही रहा था। इस इनफ्लुऐंजा ने भी कई देशों को अपनी चपेट में लिया था। इस इनफ्लुऐंजा वायरस को पहले पक्षियों में देखा गया था। इससे पहले इस तरह का वायरस किसी जानवर या इंसान में नहीं पाया गया था। पक्षियों के बाद यह तेजी से इंसानों में फैला और इसकी वजह से लोगों के बीमार पड़ने की खबरें तेजी से सामने आई थीं। इसकी वजह पॉल्ट्र्री फार्म बना था। इसके अलावा चीन में जहां पर पक्षियों की खरीद-फरोख्त होती थी, वहां से भी इसका वायरस तेजी से फैला था।
इसके बाद वर्ष 2018 में चीन के जियांग्शु प्रांत में एच 7 एन 4 वायरस का पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की जानकारी के मुताबिक पूरी दुनिया में इस वायरस का केवल एक मामला चीन में सामने आया था। 68 वर्षीय महिला के इस वायरस के चपेट में आने की वजह भी पॉल्ट्री फार्म ही बना था।
यह महिला पहले से ही दिल और हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रही थी। 25 दिसंबर 2017 को इस महिला को इस वायरस के लक्षण दिखाई दिए थे जिसके 7 दिन बाद उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 21 दिन बाद उसको डिस्चार्ज कर दिया गया था। 12 फरवरी को चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस महिला के एवियन इनफ्लुऐंजा एएच7एन4 की चपेट में आने की पुष्टि की थी। एहतियात बरतते हुए इस महिला के 20 से अधिक करीबी लोगों में भी इस वायरस की जांच की गई थी, लेकिन उनमें इसकी ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई थी।
वर्ष 2014 में चीन के गुआंगडांग प्रांत से ही एच 5 एन 6 बर्ड फ्लू सामने आया था। 59 वर्षीय एक पुरुष के इस वायरस की चपेट में होने की पुष्टि की गई थी। इसके अलावा शिशुहान प्रांत में एक 49 वर्षीय व्यक्ति के इस वायरस के चपेट में आने की पुष्टि की गई थी। हालांकि इसको बचाने में डॉक्टर नाकाम रहे थे। पूरी दुनिया में इस वायरस के यही दो मामले सामने आए थे। इनकी वजह भी इन व्यक्तियों के पक्षियों के संपर्क में आना था। इसके बाद चीन में एहतियातन करीब डेढ़ लाख पक्षियों को मार दिया गया था। इसके मरीज आस्ट्रेलिया, फिलीपींस और दक्षिण कोरिया में भी सामने आए थे।