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हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मिलीं रहस्‍यमय गैसीय वस्‍तुएं, कैसे बनें हैं तारे मिलेगी जानकारी

लॉस एंजिलिस। खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा ‘मिल्की वे’ के केंद्र में एक बड़े ब्लैक होल के करीब अजीब गैस जैसी वस्तुओं को देखा है। यह एक ऐसी खोज है जो ब्रह्मांड में तारों और अन्य खगोलीय पिंडों को बनाने वाली शक्तियों के प्रति हमारी समझ को और विस्तार दे सकती है।

अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस की एंडिया गेज ने कहा, ‘ये वस्तुएं दिखने में तो गैसीय लगती हैं, पर व्यवहार से ये तारों जैसी हैं। जर्नल नेचर में छपे अध्ययन के मुताबिक, नई वस्तुएं ज्यादातर समय समूह में दिखती हैं और जब उनकी कक्षा उन्हें घने ब्लैक होल के सबसे करीब लाती है, तो उन्हें बाहर की ओर खींचती प्रतीत होती है। ये वस्तुएं साजिटेरियस ए नामक ब्लैक होल के चारों ओर अपनी परिक्रमा पूरी करने में लगभग 100 से 1,000 वर्ष तक का समय लेती हैं।

गेज ने कहा, हम पहले भी इसे देख चुके थे, लेकिन तब बहुत अजीब नहीं लग रहा था। जब यह ब्लैक होल के करीब पहुंचा तो यह लंबा हो गया और इसकी गैस का रिसाव हो गया और ब्लैक होल में समा गया, लेकिन अब यह ब्लैक होल से दूर हुआ तो यह पुन: अपनी पूर्वावस्था में आ गया।

पिछले शोध में खगोलविदों ने मिल्की वे के केंद्र में दो असामान्य वस्तुओं की पहचान की, जिसे उन्होंने जी 1 और जी 2 नाम दिया और सामूहिक रूप से इसे जी ऑब्जेक्ट का नाम दिया गया था। उनका मानना है कि जी 2 दो तारे हो सकते हैं जो अग्रानुक्रम में ब्लैक होल की परिक्रमा कर रहे थे और एक बड़े तारे में इनका विलय हो गया था, जो मोटी गैस और धूल में लिप्त थे। जी 2 की लगातार निगरानी करने पर खगोलविदों ने पाया कि इसका एक विशेष प्रकार का सिग्नेचर भी होता है, जिससे इसकी पहचान आसान हो जाती है।