पाकिस्तान नागरिकों ने इमरान को दिखाया आईना: कहा- पाक सेना आतंकियों की मदद लेने से करे परहेज
वाशिंगटन । अमेरिका में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के एक समूह ने पाक सेना और आतंकवादी समूहों के कनेक्शन की पुरजोर भत्र्सना की है। समूह ने कहा कि पाक सेना द्वारा आतंकवादी संगठनों से किसी तरह की मदद देना और लेना निंदनीय है। उन्होंने मांग की है पाकिस्तान सेना को इन आतंकवादी संगठनों की घरेलू या विदेशी मोर्चे पर उपयोग को समाप्त करना चाहिए। इसके साथ इस समूह ने पाक में लगातार लोकतांत्रित स्वतंत्रता के हनन पर भी चिंता जाहिर की है। असंतुष्ट सदस्यों ने यहां आतंकवाद और मानव अधिकारों के खिलाफ दक्षिण एशियाई सम्मेलन (SAATH) के चौथे संस्करण में भाग लिया और अपने संबोधन में उक्त बातें कहीं।
इतना ही नहीं इस समूह ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सैन्य उत्पीड़न को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को हजारों गायब और लापता व्यक्तियों को लेखाजोखा रखना चाहिए। समूह ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को इसके लिए बाकयादा एक आयोग का गठन करना चाहिए। इस सारे मामले का निसतारण कर सके। उन्होंने पाक हुकूमत और सेना दोनों की निंदा की है। समूह ने कहा है कि पाकिस्तान में लगातार सैन्य हस्तक्षेप से नागरिकों की लोकतांत्रित स्वतंत्रता का हनन हो रहा है। इस समूह ने पाकिस्तान के नागरिकों और राजनीतिक दलों को संवैधानिक शासन और कानून के शासन के लिए आह्वान किया है। इसमें भाग लेने वालों में प्रमुख रूप से अमेरिका स्थित स्तंभकार मोहम्मद टकी, पूर्व सीनेटर अफरासीब खट्टक, पूर्व राजदूत कामरान शफी, डेली टाइम्स के पूर्व संपादक रहमान रहमान, पत्रकार ताहा सिद्दीकी, गुल बुखारी और मारवी सिरमेड शामिल थे। इससे पहले वर्ष 2016 और 2017 में लंदन में और 2018 में वाशिंगटन डीसी में SAATH सम्मेलन आयोजित किए गए थे।
गत वर्ष एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि लश्कर ए तैयबा (LeT) और जैश ए मोहम्मद (JeM) सहित उन आतंकवादियों समूहों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है। ये संगठन पाकिस्तान की सरजमीं से संचालित हो रहे हैं। पाकिस्तान में इन आतंकवादियों का प्रशिक्षण चल रहा है। पाकिस्तान हुकूमत इन आतंकवादी संगठनों का पोषण कर रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान में सक्रिय ये आतंकवादी संगठन लगातार सेना और नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। भारत को लगातार इन संगठनों से खतरा बना हुआ है। अमेरिका ने भारत की बेचैनी को जायज ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान आर्थिक मदद जारी रखा है।