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कतर के बाद इस मुस्लिम देश पर हमले से भड़के ट्रंप, नेतन्याहू को दी चेतावनी और वाशिंगटन का भेजा बुलावा


Donald Trump warns Israel calls Benjamin Netanyahu: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को इजराइल को चेताया कि वह ऐसे किसी कदम से दूर रहे जो सीरिया की स्थिरता को खतरे में डाल सकता है. उन्होंने कहा कि वह कोई भी ऐसा काम न करे जो दमिश्क में बने नए नेतृत्व को कमजोर कर सकता है. ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब हाल ही में एक इजरायली सैन्य अभियान में 13 लोगों की मौत के बाद क्षेत्र में तनाव और गहरा गया है. ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ट्रंप के बीच बातचीत हुई. नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि चर्चा के दौरान ट्रंप ने उन्हें एक बार फिर व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण भी दिया.

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा- संयुक्त राज्य अमेरिका सीरिया में कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के चलते दिखाई दे रहे परिणामों से बेहद संतुष्ट है. हम अपनी पूरी क्षमता के साथ यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि सीरिया की सरकार वही करती रहे, जिसका उद्देश्य एक स्थिर, मजबूत और समृद्ध देश का निर्माण करना है और यह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है. उन चीजों में से एक, जिसने सीरिया की काफी मदद की है, वह है मेरा कठोर और सख्त प्रतिबंधों को समाप्त करने का फैसला. मेरा मानना है कि इसे सीरिया, उसके नेतृत्व और उसके लोगों ने वास्तव में सराहा है!

इसके बाद उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि इजरायल सीरिया के साथ मजबूत और सच्चा संवाद बनाए रखे और ऐसा कोई भी कदम न उठाए जो सीरिया के एक समृद्ध राष्ट्र के रूप में विकसित होने की प्रक्रिया में रुकावट पैदा करे. सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल-शरा पूरी लगन से यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि सकारात्मक बदलाव होते रहें और सीरिया तथा इजरायल के बीच एक लंबा और समृद्ध संबंध विकसित हो सके. यह एक ऐतिहासिक अवसर है और मध्य पूर्व में शांति के लिए पहले से हासिल की गई सफलताओं में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जोड़ता है!

शरा सरकार को ट्रंप शासन का आशीर्वाद

अहमद अल-शरा के नेतृत्व वाले इस्लामी गठबंधन ने बशर अल-असद की सरकार को उखाड़ फेंका. इसके बाद कभी अमेरिका की ओर से ईनामी रहे अहमद अल-शरा सीरिया के राष्ट्रपति बन गए. इसके बाद से वॉशिंगटन इजरायल और सीरिया के बीच सुरक्षा ढांचे पर सहमति कराने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि शरा लंबे संघर्ष के बाद सीरिया को स्थिरता की ओर ले जाने में सक्षम हैं.

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अमेरिका, युद्ध से प्रभावित सीरिया के पुनर्निर्माण प्रयासों को पटरी पर रखने में हरसंभव मदद कर रहा है. अक्टूबर में गाजा में हुए नाजुक युद्धविराम के बाद, ट्रंप प्रशासन ने दमिश्क पर लगे कई प्रतिबंध हटाकर शरा सरकार को समर्थन देने का संकेत भी दिया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि सीरिया अब इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के साथ भी सहयोग कर रहा है. शरा हाल ही में अमेरिका के दौरे पर भी गए थे. 

दमिश्क बोला युद्ध अपराध, इजरायल ने कहा उग्रवादियों पर निशाना

इसी बीच सीरिया में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. दक्षिणी इलाके बेत जिन में हालिया हमले में 13 लोगों की मौत हुई, जिसे अभी तक की सबसे गंभीर घटना माना जा रहा है. दमिश्क ने इसे युद्ध अपराध बताया, जबकि इजरायल का दावा है कि उसका निशाना एक उग्रवादी संगठन था. वहीं इजरायली अधिकारियों का कहना है कि बेत जिन में की गई कार्रवाई जमाआ इस्लामिया नामक लेबनान-आधारित संगठन के उग्रवादियों के खिलाफ थी, जिसके हमास से संबंध हैं.

वाशिंगटन का भेजा न्यौता

सोमवार की बातचीत में नेतन्याहू और ट्रंप ने क्षेत्रीय शांति पहलों को विस्तार देने पर बात की. नेतन्याहू के कार्यालय ने पुष्टि की कि ट्रंप ने उन्हें जल्द ही व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण दिया है. ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद नेतन्याहू किसी भी अन्य बाहरी नेता की तुलना में अधिक बार अमेरिका का दौरा कर चुके हैं. ट्रंप के पीस प्लान के मुताबिक इजरायल और हमास ने बंदियों की अदला-बदली कर ली है. इस बातचीत में दोनों नेताओं ने गाजा पट्टी को हमास से मुक्त कराने और क्षेत्र के निरस्त्रीकरण पर भी जोर दिया. इसके अलावा, वॉशिंगटन द्वारा आगे बढ़ाए जा रहे व्यापक शांति समझौतों पर भी चर्चा हुई.

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प्रभात खबर पॉडकास्ट में रवि शास्त्री 7 दिसंबर को.

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