NCLAT Suspends CCI Ban on WhatsApp: मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा को राहत देते हुए, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने गुरुवार को कोम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) द्वारा व्हाट्सएप पर डेटा-शेयरिंग प्रेक्टिस के लिए लगाए गए पांच साल के बैन पर रोक लगा दी। चीफ जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाले NCLAT पैनल ने कहा कि इस तरह के बैन से देश में व्हाट्सएप के बिजनेस मॉडल में परेशानी आ सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारत में 50 करोड़ यूजर्स
आपको बता दें कि भारत में व्हाट्सएप के 50 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। बता दें कि NCLAT ने मेटा को CCI द्वारा लगाए गए 213 करोड़ रुपये के जुर्माने का 50 प्रतिशत दो सप्ताह के भीतर जमा करने को कहा था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने पहले ही जुर्माने का 25 प्रतिशत भुगतान कर दिया है। हालांकि व्हाट्सएप ने याचिका दायर की थी, जिसमें CCI के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। पिछले सप्ताह NCLAT ने मेटा और व्हाट्सएप की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
लगाया गया बैन
NCLAT के अनुसार, भारत में डेटा प्रोटेक्शन कानून डेटा प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं को दूर कर सकता है। व्हाट्सएप की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी यूजर डेटा को मेटा और इंस्टाग्राम जैसी ग्रुप कंपनियों के साथ ‘ऑप्ट आउट’ ऑप्शन के बिना साझा करने की अनुमति देती है।
इस महीने की शुरुआत में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा ने CCI के आदेश के खिलाफ NCLAT की ओर रुख किया। पिछले साल नवंबर में, रेगुलेटरी ने व्हाट्सएप को निर्देश दिया था कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा किए गए यूजर डेटा को ऐड के लिए अन्य मेटा प्रोडक्ट या कंपनियों के साथ पांच साल की अवधि के लिए साझा न करें। साथ ही मेटा पर अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पूरी इंडस्ट्री पर प्रभाव
मेटा ने NCLAT को सूचित किया कि CCI के आदेश का पूरी इंडस्ट्री पर प्रभाव पड़ेगा और इसलिए, मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत होगी। पिछले साल, CCI के व्हाट्सएप को निर्देश दिए जाने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कहा कि वह CCI के फैसले से असहमत है और अपील करने की योजना बना रहा है। CCI ने मार्च 2021 में व्हाट्सएप की संशोधित प्राइवेसी पॉलिसी की जांच शुरू की, जिसने डेटा कलेक्शन के दायरे के साथ-साथ मेटा और उसकी कंपनियों के साथ जरूरी डेटा ट्रांसफर को सक्षम किया।
गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर प्रभाव
NCLAT के फैसले के अनुसार, मेटा को फिलहाल यूजर का डेटा अन्य प्लेटफॉर्म्स के साथ शेयर करने की स्वतंत्रता मिल सकती है। यह निर्णय यूजर की प्राइवेसी को लेकर चिंताओं को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही, डेटा का इस्तेमाल ऐड और बिजनेस टारगेटिंग के लिए जारी रहेगा, जिससे यूजर्स को परेशानी हो सकती है।
Current Version
Jan 23, 2025 14:45
Edited By
Ankita Pandey