भारतीय टीम में वापसी करना चाहता है ये क्रिकेटर, कड़ी मेहनत करने का किया दावा
नई दिल्ली। कोरोना ने खिलाडि़यों को परफेक्ट फैमिली मैन बना दिया है। वे घर में परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। खाना पका रहे हैं। कपड़े धो रहे हैं। घर की सफाई कर रहे हैं और बच्चे भी संभाल रहे हैं। लॉकडाउन के इस दौर में बंगाल के सबसे अनुभवी क्रिकेटर मनोज तिवारी के दिन भी इसी तरह गुजर रहे हैं। हाल में संपन्न रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद के खिलाफ तिहरा शतक जड़ने वाले मनोज तिवारी कड़ी मेहनत से टीम इंडिया में वापसी को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
– सच कहूं तो मुझे समय का पता ही नहीं चल रहा कि कब सुबह हो रही है और कब रात। हमारे परिसर में अभी घर का काम करने वालों को आने की इजाजत नहीं है इसलिए सारा काम मुझे और पत्नी को मिलकर करना पड़ रहा है। घर का काम करने का मजा ही अलग है। मेरे लिए यह नया अनुभव है। मैं कभी खाना पका रहा हूं तो कभी अपने दो साल के बेटे युवान को खाना खिला रहा हूं। कभी घर की सफाई कर रहा हूं तो कभी अपनी चीजों को सहेज कर रख रहा हूं।
– इस दौरान फिटनेस का कितना ध्यान रख रहे हैं?
– फिटनेस का ध्यान तो रखना ही पड़ेगा। यह खिलाडि़यों के लिए अहम हैं। फिलहाल घर पर ही एक्सरसाइज कर रहा हूं। प्रतिस्पर्धा इतनी कड़ी है कि फिटनेस कायम रखनी पड़ेगी। इसके साथ ही मैं अपने खेल पर आत्ममंथन भी कर रहा हूं ताकि अपनी खामियों को सुधार कर आगे और बेहतर प्रदर्शन कर सकूं।
– कभी-कभी बहुत दिनों तक बल्ला नहीं पकड़ना भी अच्छा होता है। मेरा मानना है कि ज्यादा अभ्यास करने से भी कुछ गलत चीजें आदत में शुमार हो जाती हैं इसलिए गैप होना भी जरूरी है। एक अच्छे-खासे ब्रेक के बाद फ्रेश दिमाग के साथ मैदान में उतरने से बल्ला भी अच्छा चलता है।
– कोरोना से क्रिकेट को पहुंच रहे नुकसान पर क्या कहेंगे?
– सबसे पहले जीवन है। खेल हमारे जीवन का द्वितीय विकल्प है। अभी जिंदगियों को कोरोना वायरस से बचाना सबसे जरूरी है। इसके लिए अगर एक-दो साल तक भी सारे खेलों को बंद करना पड़े, तो कर देना चाहिए।