जानिए, कौन है नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला, तालिबान क्यों बना इनका जानी दुश्मन, फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पाकिस्तान में सक्रिय तालिबान चरमपंथी संगठन ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। चरमपंथी संगठन ने कहा कि इस बार निशाना खाली नहीं जाएगा। आखिर कौन हैं मलाला यूसुफजाई। मलाला का तालिबान चरमपंथियों से क्या है बैर। आखिर चरमपंथी मलाला से क्यों नफरत करते हैं। जी हां, पाकिस्तान की इस बच्ची ने एक बार फिर पाकिस्तान की बंद समाजिक व्यवस्था को बेनकाब किया है। मलाला की कहानी उस मासूम की कहानी है जो अपने देश में औरतों की आवाज को बुलंद करना चाहती है। अब तो मलाला पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया में महिलाओं की हक और उनके अधिकारों की एक बड़ी आवाज और आंदोलन बन चुकी हैं। हम आपको बतातें हैं मलाला के संघर्ष की पूरी दास्तां। उनके उस छोटे से सफर के बारे में जहां आप भी मलाला पर गर्व कर सकेंगे।
मलाला यूसुफजई का जन्म वर्ष 1997 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की स्वात घाटी में हुआ था। उस वक्त स्वात घाटी में तालिबानियों का आतंक था। यह घाटी पूरी तरह उनके कब्जे में थी। कुछ सरकारी प्रतिष्ठानों को छोड़कर सब पर तालिबान का कब्जा था। 2008 में तालिबान ने यहां लड़कियों की पढ़ाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी। आतंकियों के डर से लड़कियों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था। पूरी स्वात घाटी में तालिबान के भय से डांस और ब्यूटी पार्लर बंद कर दिए गए। उस वक्त मलाला आठवीं की छात्रा थी। बाल्यावस्था में यह बात मलाला को अखर गई। उनके संघर्ष की कहानी यहीं से शुरू होती है।
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