EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

न सलाम मांगा, न तालियां – सर्जनों ने चुपचाप किया इंसानियत का सबसे बड़ा काम


Prayagraj News: 14 जून 2025 को विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (ASI) की प्रयागराज सिटी ब्रांच द्वारा मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में एक भव्य स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाना और युवा डॉक्टरों को सामाजिक दायित्व निभाने के लिए प्रेरित करना था. यह शिविर एक प्रेरणादायक उदाहरण बना जिसमें डॉक्टरों, फैकल्टी, छात्रों और अस्पताल स्टाफ ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.

श्रद्धांजलि से हुई कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत एक संवेदनशील और भावनात्मक क्षण से हुई, जब अहमदाबाद विमान हादसे के पीड़ितों की स्मृति में सभी उपस्थितजनों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. यह भावनात्मक क्षण पूरे आयोजन को एक मानवीय और करुणामय वातावरण में बदल गया, जिसने उपस्थित सभी लोगों को एकजुट कर दिया.

वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ उद्घाटन

रक्तदान शिविर का उद्घाटन कॉलेज की प्राचार्य प्रो. डॉ. वत्सला मिश्रा, उप-प्राचार्य डॉ. मोहित जैन, एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रोबाल नियोगी, और प्रमुख अधीक्षक डॉ. आर. बी. कमल ने संयुक्त रूप से किया। इन वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को बढ़ाया और चिकित्सा क्षेत्र में सेवा और योगदान के महत्व को रेखांकित किया.

डॉक्टरों की प्रेरणादायक भागीदारी

शिविर में शहर के कई प्रतिष्ठित सर्जनों की सक्रिय भागीदारी रही। डॉ. वैभव श्रीवास्तव, डॉ. सुजीत सिंह, डॉ. संजय सिंह, डॉ. संतोष सिंह, डॉ. अभिनव अग्रवाल, डॉ. विशाल केवलानी, डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह और डॉ. आलोक सिंह जैसे प्रमुख चिकित्सकों की उपस्थिति न केवल आयोजन को सफल बनाने में मददगार रही, बल्कि इससे अन्य युवा चिकित्सकों को भी प्रेरणा मिली.

छात्रों और चिकित्सकों ने किया स्वैच्छिक रक्तदान

शिविर में बड़ी संख्या में चिकित्सा छात्रों और डॉक्टरों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. प्रो. डॉ. सुधा यादव, जय कुमारी जायसवाल, डॉ. सुयश शर्मा, डॉ. गौरव कुमार, डॉ. हर्षित शर्मा, डॉ. हर्षित गौतम, डॉ. चंद्रर्क द्विवेदी, डॉ. शिवांगी रावत, डॉ. आरज़ू मलिक, डॉ. पृतिका, डॉ. अनन्या मित्तल, डॉ. आदित्य राज, डॉ. वर्षा शुक्ला और डॉ. अदिति जैसे नामों ने रक्तदान कर एक मिसाल कायम की. इन सभी ने स्वेच्छा से रक्तदान कर जीवन रक्षक योगदान दिया, जो कई जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है.

संस्थाओं का समर्थन और साझेदारी

यह आयोजन ‘रक्त संकल्प – एक वादा खुद से’ पहल के अंतर्गत किया गया, जिसे अमर उजाला फाउंडेशन, राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद (NBTC) और भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का सहयोग प्राप्त हुआ. इन संगठनों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया गया कि रक्त संग्रहण की सभी प्रक्रियाएं सुरक्षित, स्वच्छ और प्रभावी तरीके से संपन्न हों. आयोजकों ने बताया कि यह संयुक्त प्रयास रक्तदान के महत्व को लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा.

रक्तदाताओं को मिला सम्मान

शिविर में भाग लेने वाले सभी रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. यह न केवल उनकी सहभागिता की सराहना थी, बल्कि भविष्य में भी रक्तदान को लेकर उन्हें औरों के लिए रोल मॉडल बनाने का प्रयास था. आयोजकों ने सभी दाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि हर बूंद खून एक नई जिंदगी की नींव रख सकती है.

ट्रांसफ्यूजन टीम का विशेष योगदान

इस शिविर की सफलता में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही. विभागाध्यक्ष डॉ. रवी रानी, सौरभ पूरी, परामर्शदाता विनोद तिवारी एवं अनिल तिवारी, लैब टेक्नीशियन जी.के. सिंह, स्टाफ नर्स पूनम यादव और अन्य तकनीकी कर्मचारियों ने पूरी सजगता और निष्ठा के साथ कार्य किया। शिविर के संचालन से लेकर रक्त का सुरक्षित संग्रहण और दस्तावेज़ीकरण तक हर प्रक्रिया को उन्होंने सुनियोजित ढंग से संभाला.

आयोजन संयोजक का संदेश

शिविर के संयोजक डॉ. संजय सिंह ने कहा, “यह आयोजन केवल एक रक्तदान शिविर नहीं था, बल्कि सामाजिक दायित्व और मानवीय सेवा का प्रतीक था. आज का दिन हम सभी को यह याद दिलाता है कि मानवता की सेवा केवल चिकित्सा इलाज तक सीमित नहीं, बल्कि ऐसे कार्यों के माध्यम से भी होती है जो जीवन को बचाने में सहायक बनें. हमारी कोशिश है कि यह परंपरा हर वर्ष और भी अधिक ऊर्जा और भागीदारी के साथ आगे बढ़े.”