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फर्रुखाबाद में 24 बच्चों को बंधक बनाने वाला सिरफिरा देर रात मुठभेड़ में ढेर, सुरक्षित निकाले गए बच्चे

फर्रुखाबाद। मौसा की हत्या के आरोप में निचली अदालत से उम्रकैद की सजा पाए एक व्यक्ति ने पुलिस और गांववालों को मजा चखाने के लिए गांव के ही 24 बच्चों को घर में बंधक बना लिया। उसने अपनी सालभर की बेटी के जन्मदिन पार्टी के बहाने बच्‍चों को बुलाया था। पुलिस जब इन्हें छुड़ाने पहुंची तो बम फेंक दिया। इसमें कोतवाल समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। फिर समझाने पहुंचे दोस्त को भी गोली मार दी। 

देर रात सिरफिरे ने आदेश बाथम की 6 महीने की बेटी शबनम को छत के मोखले से पुलिस को सौंप दिया। बच्ची को पुलिस एक घर में ले गई है। इसके बाद उसने डीएम के नाम एक टाइप किया हुआ पत्र बाहर फेंका, जिसमें लिखा है कि प्रधान ने उसे कालोनी नहीं दी और न ही शौचालय बनवाया।  वहीं देर रात आइजी मोहित अग्रवाल भी गांव पहुंच गए और अफसरों से पूरी जानकारी ली। इसके बाद ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सुभाष के घर का दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाल लिया। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद वह छुड़ाकर अंदर भागा तो पीछे से पुलिस भी घुस गई। इस पर वह फिर फायरिंग करने लगा, जवाबी फायरिंग में पुलिस की गोली लगने से सुभाष की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने घर में बने बेसमेंट से बच्चों को सकुशल निकाल लिया।

यह सनसनीखेज वारदात जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बरेली-इटावा हाईवे स्थित गांव करथिया में हुई। यहां का 40 वर्षीय सुभाष बाथम अपने मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका है। घर में चोरी की शिकायत पर उसने 2001 में मौसा की हत्या की थी। 2005 में उसे उम्रकैद हुई। 10 साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई। करीब तीन महीने पहले एसओजी ने फतेहगढ़ में हुई चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया। वहां से डेढ़ माह पूर्व जमानत पर छूटा। खुद को फंसाने के शक में उसने पुलिस व ग्रामीणों से बदला लेने की योजना बना डाली।

गुरुवार दोपहर करीब 3:30 बजे अपनी एक साल की बेटी के जन्मदिन के बहाने गांव के करीब 20 बच्चे घर बुलाए और सभी को बंधक बना लिया। देर तक बच्चों के घर न लौटने पर पड़ोसी जब सुभाष के घर पहुंचे तो उसने फायरिंग कर दी। उसने चिल्ला-चिल्लाकर गांव वालों पर फंसाने का आरोप लगाया। बच्चों को छुड़ाने पहुंचे कोतवाली प्रभारी राकेश कुमार व यूपी 112 की टीम पर उसने घर के भीतर से बम फेंक दिया। इसमें राकेश कुमार, यूपी-112 के दीवान जयवीर सिंह व सिपाही अनिल कुमार घायल हो गए। पुलिस व स्वाट टीम ने कई घरों की छतों की घेराबंदी कर रखी है। क्षेत्रीय विधायक नागेंद्र ङ्क्षसह व एसपी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने लाउडस्पीकर से बाहर आने को कहा तो गालियां देने लगा। इस बीच गांव का दोस्त अनुपम दुबे उर्फ बालू समझाने गया तो दरवाजे के नीचे से गोली चला दी। गोली बालू के पैर में लगी। अंदर से शातिर यही चीख-चीखकर कह रहा है कि झूठे केस में जेल भिजवाए थे, अब झेलो।