‘पूरा परिवार चुकाता है ग्लैमरस दिखने वाली राजनीति की कीमत, हर कोई नहीं लगा सकता इसका अंदाजा’
गुरुग्राम। बाहर से ग्लैमरस दिखने वाली राजनीति अंदर से कितनी अलग होती है, इसका अंदाजा उसी को होता है, जो इस क्षेत्र में आता है। यह मानना है दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से आप की प्रत्याशी आतिशी का। वह कहती हैं कि केवल नेता ही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार इसकी कीमत चुकाता है। आतिशी कहती हैं कि इस क्षेत्र में आने के बाद उनके शौक और जीवनशैली सब कुछ बदल गया है। वह स्कूल से लेकर कॉलेज तक थियेटर सोसाइटी की अध्यक्ष रही हैं। वे बढ़चढ़ कर थियेटर में हिस्सा लेती थीं। हालांकि राजनीति में आने से थियेटर छूट जरूर गया है, लेकिन इस शौक को आज भी उन्होंने बरकरार रखा है। अब वे चुनाव प्रचार के दौरान नुक्कड़ नाटकों का निर्देशन करती हैं, वे बच्चों को थियेटर भी सिखाती थीं, लेकिन अब समय नहीं मिलता।
सोने का भी नहीं मिलता समय : आतिशी कहती हैं कि उन्हें सोने का इतना शौक है कि जब भी मौका मिले वे सो जाती थीं। लेकिन अब उन्हें न वक्त ही नहीं मिलता है। उन्हें तो यह भी याद नहीं कि पिछली बार कब दिन में वह सोई थीं। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान वह घरेलू कार्यों से मुक्त रहती हैं, यह जिम्मेदारी इस बीच परिवार के अन्य सदस्य उठाते हैं।
फिटनेस को तरजीह : आतिशी के दिन की शुरुआत अमूमन कुछ ऊर्जा एकत्र करने से होती है। इसके लिए सुबह की सैर, ट्रेडमिल, क्रॉस फिटनेस ट्रेनर का सहारा लेती हैं। अभी कुछ दिनों से यह कमी दिनभर की पदयात्राओं से पूरी हो रही है। फिटनेस के लिए संगीत उनका सबसे बड़ा साथी है। उन्होंने अपने फोन में फिटनेस के लिए अलग से प्ले लिस्ट बना रखी है। एक घंटे नौ मिनट की लिस्ट में नए से लेकर पुराने व देशभक्ति के जोश भरने वाले गाने हैं।
एक्शन व थ्रिलर फिल्मों का शौक : आतिशी को खाली समय में फिल्में देखना पसंद है। वह एक्शन, एडवेंचर और मार्वल कॉमिक्स टाइप की फिल्में देखती हैं। एवेंजर्स, सुपरमैन, बैटमैन जैसी फिल्में उनकी पसंदीदा हैं। समय मिलने पर फोन पर वह वेबसीरीज व फिल्में फोन पर ही देख लेती हैं। थकान भरे दिन का अंत वह आज भी कुछ समय फिल्में व टीवी सीरियल देखकर करती हैं। उनका कहना है कि जब वह अपने भतीजे और भतीजी से मिलती हैं तो उनकी सारी थकान गायब हो जाती है।
संकोची स्वभाव की हैं : भले ही आतिशी सभाओं में हुंकार भरती हों, लेकिन व्यक्तिगत जीवन में वे काफी सौम्य, शांत और शर्मीली हैं। वे कहती हैं कि वे अकेले बैठना और वॉक पर जाना ही पसंद करती हैं, लेकिन राजनीति में इसका उलट होता है। आमतौर पर बहुत नजदीकी दोस्तों और परिवार के अलावा किसी से ज्यादा बातचीत करने में संकोच करती हैं।