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छह बार पहले भी आतंकियों को कश्मीर से बाहर पहुंचा चुका देविंदर किया गया निलंबित, कार्यालय सील

श्रीनगर। आतंकियों के मददगार डीएसपी देविंदर सिंह को सोमवार को पुलिस प्रशासन ने निलंबित कर दिया है। इस बीच, पुलिस ने श्रीनगर के बादामी बाग सैन्य छावनी के साथ सटे इंदिरा नगर स्थित उसके तीन मंजिला मकान की फिर से तलाशी लेने के अलावा श्रीनगर एयरपोर्ट पर उसके कार्यालय को भी सील कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि वह पिछले सात-आठ महीने में करीब छह बार आतंकियों को कश्मीर से बाहर पहुंचा चुका है।

डीएसपी देविंदर सिंह हिजबुल के दो आतंकियों के साथ पकड़ा गया था

जम्मू-कश्मीर पुलिस के एंटी हाईजेकिंग विंग में श्रीनगर एयरपोर्ट पर तैनात डीएसपी देविंदर सिंह को गत शनिवार पुलिस ने कुलगाम के मीर बाजार में एक कार में आतंकियों के साथ पकड़ा था। उसके साथ हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी नवीद अपने साथी अल्ताफ के साथ था। इसके अलावा लश्कर का ओवरग्राउंड वर्कर इरफान शफी मीर भी उसके साथ था। इन लोगों से करीब छह से सात मोबाइल भी बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि देविंदर सिंह आतंकियों से संपर्क करने के लिए कई मोबाइल रखता था। उसके नंबरों की भी जांच हो रही है।

राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेवा नियमों के मुताबिक, अगर कोई अधिकारी या कर्मी लगातार 48 घंटे या उससे ज्यादा समय पुलिस हिरासत में रहता है तो उसे सेवा से निलंबित कर दिया जाता है। इसलिए डीएसपी देविंदर सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है।

देविंदर के बारे में कहा जा रहा है कि उसने तीन-चार माह पहले भी आतंकी नवीद बाबू को कश्मीर में सुरक्षाबलों का दबाव बढ़ने पर जम्मू पहुंचाया था। जम्मू में उसके लिए एक ठिकाने का बंदोबस्त किया था। हालांकि अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

घर की फिर से ली तलाशी, कई दस्तावेज बरामद

उन्होंने बताया कि देविंदर सिंह से हो रही पूछताछ के आधार पर इंदिरा नगर में स्थित उसके मकान की सोमवार दोबारा करीब एक घंटे तक तलाशी ली गई। सोमवार को मकान से कुछ दस्तावेजों को कब्जे में लिया गया है। श्रीनगर के कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाले शिवपोरा में ही उसने शुक्रवार की रात आतंकी नवीद, अल्ताफ व इरफान को शोपियां से लाकर रखा था। इस मकान पर अब ताला लटका है और परिवार कहीं जा चुका है।

अधिकारियों ने बताया कि इंदिरा नगर व शिवपोरा में आतंकियों के लिए पनाहगाह से सभी सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। डीएसपी के मकान में किसी को आतंकी ठिकाने का शक नहीं हो सकता, इसका फायदा देविंदर सिंह ने उठाया। यह भी पता लगाया जा रहा है कि आतंकी मकान का इस्तेमाल सैन्य छावनी पर हमले के लिए तो नहीं करने वाले थे।