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गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद मुहैया कराने की पहल



Tourism: देश में साल दर साल विदेशी और घरेलू पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. देश के पर्यटन स्थलों पर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने को सरकार विशेष प्राथमिकता दे रही है, लेकिन सरकार की कोशिश इन पर्यटन स्थलों पर गुणवत्ता वाली खाद्य सामग्री मुहैया कराना भी है. इस दिशा में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने शुक्रवार को केंद्रीय सलाहकार समिति (सीएसी) की 45वीं बैठक की, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नवंबर से मार्च तक पर्यटको के भारी आगमन के मद्देनजर उच्च खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया गया. 

आगामी पर्यटन सीजन के दौरान लोकप्रिय पर्यटक स्थलों पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन स्थलों पर फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स मोबाइल लैब का उपयोग करने को कहा गया है. बैठक में 60 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिसमें खाद्य सुरक्षा आयुक्त, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, एफएसएसएआई के वरिष्ठ अधिकारी, खाद्य उद्योग, उपभोक्ता समूहों, कृषि क्षेत्र, लैब और रिसर्च क्षेत्र के जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए.  

ई-कॉमर्स कंपनियों के गोदामों की निगरानी बढ़ाने पर जोर

 एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी कमला वर्धन राव ने विभिन्न राज्यों के खाद्य आयुक्तों से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा उपयोग किए जाने वाले गोदामों और अन्य सुविधाओं की निगरानी बढ़ाने को कहा. साथ ही इन प्लेटफॉर्म के डिलीवरी कर्मियों के लिए एसओपी जारी करने को भी कहा. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया में तेजी लाने और फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स मोबाइल वैन तैनात करने का निर्देश दिया. आम लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और सभी राज्यों में खाद्य व्यवसाय संचालकों को प्रशिक्षित करने को कहा गया है.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मार्च 2026 तक 25 लाख खाद्य संचालकों को प्रशिक्षित करने का आग्रह किया गया, जिनमें विश्वविद्यालय, कॉलेज और छात्रावास कैंटीन के संचालक भी शामिल हैं. बैठक में भारत अच्छा खाओ मुहिम (ईट राइट इंडिया) के तहत संतुलित व पौष्टिक आहार की संस्कृति को बढ़ावा देने में उपभोक्ताओं को सक्रिय रूप से शामिल करने को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया. इस बाबत राज्यों को मेले, वॉकथॉन और नुक्कड़ नाटकों के जरिए खाद्य सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गयी.