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संसद में सवाल क्या आंदोलन में मारे गए किसानों को मिलेगा मुआवजा? सरकार बोली- हमारे पास रिकॉर्ड नहीं

नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार ने संसद  में कहा है कि उसके पास किसान आंदोलन  में मारे गए किसानों का आकड़ा नहीं है ऐसे में मुआवजे का सवाल नहीं उठता. दरअसल, बुधवार को संसद में विपक्ष ने यह सवाल उठाया कि क्या आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा या नहीं? इस पर सरकार की ओर से जवाब दिया गया- ‘कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस मामले में कोई रिकॉर्ड नहीं है और इसलिए सवाल ही नहीं उठता.’

विपक्ष के नेताओं और विरोध कर रहे किसान संघों ने कहा है कि केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान 700 से अधिक किसानों की जान चली गई है. कृषि कानून को निरस्त करने के बाद किसान संगठनों की सरकार से मांग है कि वह इन 700 किसानों को भी मुआवजा दें.

इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने मारे गए किसानों को मुआवजा देने की मांग की. वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने पीएम केयर्स फंड से किसानों को मुआवजा देने का मुद्दा उठाया था. राउत ने पीएम केयर्स फंड में ‘बेहिसाबी राशि’’ पड़े होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस राशि का इस्तेमाल मृतक किसानों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि के रूप में किया जाना चाहिए.

उन्होंने परोक्ष तौर पर प्रधानमंत्री के भाषण की ओर इशारा करते हुए कहा था ‘किसानों से सिर्फ माफी मांगना काफी नहीं है. उनके परिवारों की मदद करना महत्वपूर्ण है.’ राउत ने कहा था ‘सरकार को अब अपनी गलती का एहसास हो गया है और उसने कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. देश के विभिन्न हिस्सों से मांग है कि जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए.’