वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य अभ्यास रोकने के अपने फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा कि इस तरह के युद्धाभ्यास भड़काऊ और महंगे हैं. हालांकि, उन्होंने धमकी दी कि अगर उत्तर कोरिया के साथ बातचीत विफल होती है तो वह फिर से उसे शुरू करेंगे. ट्रंप ने एक के बाद एक करके किये गए ट्वीट में कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ शिखर वार्ता के दौरान युद्धाभ्यास रोकने का उनका विचार था.
उन्होंने कहा, ‘‘युद्धाभ्यास को रोकने का अनुरोध बातचीत के दौरान मैंने किया था क्योंकि वे काफी खर्चीले हैं और नेकनीयत से चल रही वार्ता के दौरान खराब मिसाल प्रस्तुत करते हैं. ये काफी भड़काऊ भी हैं.’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर वार्ता विफल होती है तो उसे तुरंत शुरू कर सकते हैं. मुझे उम्मीद है कि वैसा नहीं होगा.’’
Holding back the “war games” during the negotiations was my request because they are VERY EXPENSIVE and set a bad light during a good faith negotiation. Also, quite provocative. Can start up immediately if talks break down, which I hope will not happen!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 17, 2018
किम के साथ नए रिश्ते से अमेरिकी सुरक्षित : ट्रंप
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद के द्वारा की गई किम जोंग-उन की प्रशंसा का बचाव करते हुए कहा था कि उत्तर कोरियाई तानाशाह के साथ उनका नया रिश्ता अमेरिकियों को सुरक्षित बना रहा है. सीएनएन की खबर के मुताबिक, किम के साथ गर्मजोशी भरी मुलाकात के बारे में शुक्रवार (15 जून) को व्हाइट हाउस में सवाल-जवाब के एक सत्र में ट्रंप ने कहा कि वह परमाणु गतिरोध के तनाव को कम कर रहे हैं.
The denuclearization deal with North Korea is being praised and celebrated all over Asia. They are so happy! Over here, in our country, some people would rather see this historic deal fail than give Trump a win, even if it does save potentially millions & millions of lives!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 17, 2018
उन्होंने संवाददाताओं को बताया, “मैं एक परमाणु हथियार द्वारा आपको और आपके परिवार को नष्ट होते हुए नहीं देखना चाहता.” उन्होंने कहा, “मैं उत्तर कोरिया के साथ एक अच्छा संबंध चाहता हूं. मैं कई देशों के साथ अच्छा संबंध चाहता हूं.” राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे बीच अच्छा तालमेल रहा. उन्होंने हमें बहुत कुछ दिया.”
जबकि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का कहना है कि वॉशिंगटन चाहता है कि उत्तर कोरिया 2020 तक परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को पूरा करे. डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में हुई बैठक के बाद बुधवार (13 जून) को यह बयान आया था. उत्तर कोरिया ने बयान में कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण निरस्त्रीकरण की दिशा में काम करने पर सहमति जताई, लेकिन इस दस्तावेज में यह स्पष्ट नहीं था कि प्योंगयांग कब और कैसे ऐसा करेगा. पोम्पियो ने दक्षिण कोरिया के दौरे पर कहा था कि उत्तर कोरिया के साथ अभी एक बड़ा समझौता होना बाकी है. उन्होंने कहा, “बड़े पैमाने पर निरस्त्रीकरण. हमें उम्मीद है कि इस लक्ष्य को ढाई साल में हासिल किया जा सकता है.”
अमरीकी विदेश मंत्री का यह बयान सिंगापुर में ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की मुलाकात के एक दिन बाद आया है. सिंगापुर में दोनों नेताओं (डोनाल्ड ट्रंप, किम जोंग उन) के बीच कोरियाई प्रायद्वीय को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त करने की दिशा में बढ़ने पर सहमति बनी थी, लेकिन इस समझौते में इस बात का ब्योरा नहीं दिया गया है कि उत्तर कोरिया कब और कैसे अपने हथियार छोड़ेगा, यही वजह है कि इस समझौते की आलोचना भी हो रही है.